सोमवार, दिसंबर 14, 2009

पत्रकारों की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार बनाएगी कानून






संजय स्वदेश
नागपुर। चिकित्सकों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए राज्य सरकार के प्रस्तावित विधेयक की तर्ज पर पत्रकार एवं प्रसार माध्यमों पर होने वाले हमले को रोकने के लिए विधानसभा में आर.आर.पाटील ने कानून बनाने का आश्वासन दिया है।
सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों के कवरेज करने वाले पत्रकारों ने सदन की पे्रस गैलरी में बैठने के बजाय विधानसभा के बाहर काला रिबन लगाकर बैठ गए। अपने मागों के समर्थन में नारे लगाने लगे।
पत्रकारों के धरने को मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन पाटील, विपक्ष नेता एकनाथ खड़से, विधानपरिषद सदस्य व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नितिन गड़करी, मनसे गटनेता बाला नांदगावंकर ने भेंट दी।
विधानसभा का कामकाज शुरू होते ही मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने पुणे के पत्रकार संघ के अध्यक्ष योगेश कुटे पर हुए जानलेवा हमले का निषेध कर मामले पर गंभीरता से जांच कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि डॉक्टरों पर होने वाले हमलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार नए कानून बनाने का प्रस्ताव बना रही है। इसी की तर्ज पर पत्रकारों पर हो रहे हमलों पर रोक लगाने के लिए भी प्रस्ताव बनाने के के बारे में भी सरकार सोच रही है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि गत कई वर्षो से सरकार केवल आश्वासन ही दे रही है। ठोस कदम कब उठाएगी? विपक्ष ने इस कानून के प्रस्ताव को शीतसत्र में ही रखने की मांग की।
इस पर गृहमंत्री आर. आर. पाटील ने कहा कि पिछले दिनों
एक चैनल के पर हमले की घटना में सरकार ने उचित कार्रवाई की है लेकिन यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। इसलिए स्वतंत्र बिल लाने की आवश्यकता है। शीतसत्र में यदि तकनीकी कार्रवाई पूरी होती है तो यह प्रस्ताव रखने की हर संभव कोशिश की जाएगी।
योगेश कुटे के मामले में सरकार का पक्ष न्यायालय में रखने के लिए एड. एस. के. जैन को नियुक्त करने की पत्रकारों की मांग को विपक्ष में सदन में उठाकर समर्थन किया। इसे गृहमंत्री आर.आर.पाटील ने स्वीकार किया और हमलों की जांच के लिए गठीत कमेटी के कार्यो पर विशेष ध्यान देने का आश्वासन दिया।

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