रविवार, जनवरी 10, 2010

93.75 प्रतिशत जनता चाहती है विदर्भ राज्य


संजय स्वदेश
नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ तथा तिरपुडे इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एक्सन एंड रिसर्च के संयुक्त तत्वावधान में पृथक विदर्भ की मांग पर नागपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों के निवासियों का मत जानने के लिए जनमत संग्रह लिया गया। इस जनमत संग्रह में नतीजा निकला है कि 93.75 प्रतिशत लोग अलग विदर्भ चाहते हैं.
तिरपुड़े कॉलेज के राजकुमार तिरपुड़े ने प्रेस-कान्फ्रेन्स में बताया कि नागपुर शहर के पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण-पश्चिम तथा मध्य क्षेत्रों से कुल 16737 नागरीकों से संपर्क किया गया।जिसमें विद्यार्थी, शिक्षक, व्यापारी, शासकीय तथा निजी कर्मचारी, गृहिणियां, रिक्साचालक, सब्जी विक्रेता, उद्योगपति आदि से पृथक विदर्भ के निर्माण पर पूछा गया। जनमत संग्रह में हर व्यक्ति से तीन सवाल किये गए। पहला सवाल यह था कि विदर्भ के साथ अन्याय हुआ, इस मत से आप सहमत है? दूसरा, पृथक विदर्भ राज्य के गठन होने पर विदर्भ आर्थिक दृष्टि से सक्षम होगा? तीसरा, क्या आपको लगता है कि पृथक विदर्भ की मांग उचित है?
इन प्रश्रों पर नागरिकों के उत्तरों के अनुसार कुल 16737 उत्तरदाताओं में से 13669 याने 81.67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सकारात्मक जवाब दिये। इसके विपक्ष 1797 उत्तरदाताओं के अनुसार विदर्भ पर अन्याय नहीं हुआ है। 7.59 प्रतिशत बाकी उत्तरदाता सवालों का जवाब नहीं दे सके। जन मत संग्रह के अनुसार 16737 उत्तरदाताओं में 12634 (75.48 प्रतिशत) उत्तरदाता पृथक विदर्भ राज्य होने पर उसे आर्थिक दृष्टी से सक्षम मानते हैं। 1927 (11.52) प्रतिशत उत्तरदाता इस मत से सहमत नहीं। बाकी 2176 उत्तरदाताओं ने इस बारे में कोई मत व्यक्त नहीं लिया। 1627 उत्तरदाताओं में से 14019 (93.75) प्रतिशत जनता पृथक विदर्भ राज्य के मांग को उचित मानती है। वहीं 1457 (8.7) प्रतिशत उत्तरदाता इस बात को अनुचित मानते हैं। 1262 (7.557) प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उस बारे में अपना मत नहीं दिया।
कुल मिलाकर शहर की जनता पृथक विदर्भ राज्य की मांग को सही मानती है। पत्र परिषद में पत्रकार भवन ट्रस्ट के अध्यक्षता प्रदीप मैत्र तथा श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष शिरीष बोरकर तथा वामनराव कोंबाडे, के एस पाटील, पराग बोंबटकर, विवेक अवसरे, वी. जे. शिंगनापुरे, एस. एस. आसरकर उपस्थित थे।

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