रविवार, जनवरी 03, 2010

पृथक विदर्भ के लिए त्याग सकते हैं पद


संजय स्व्देश
नागपुर।
यदि पृथक विदर्भ की के लिए जरूरत पड़ी तो पद का त्याग भी किया जा सकता है। यह कहना है कि राज्य के दुग्ध व पशुपालन विकास मंत्री डा. नितिन राऊत का। वे पृथक विदर्भ की मांग को लेकर रविवार को सांसद व पूर्व मंत्री विलासराव मुत्तेमवार के नेतृत्व में सीताबड़ी चौक स्थित गांधी पुतले पर धरना आंदोलन को संबोधित कर रहे थे। डॉ. राऊत ने कहा कि विदर्भ बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडर की कर्मभूमी है। पृथक विदर्भ की मांग आज समय की जरूरत है। यदि इसके लिए राजय मंत्रीमंडल से अपना पद त्याग करने की जरूरत पड़ी तो भी इसकी कुर्बानी देंगे।
सांसद मुत्तेमवार ने कहा कि विदर्भ की मांग वर्षो से हो रही है, जो आज तक स्वीकार नहीं की जा सकी है। स्वतंत्र तेलंगाना राज्य से कहीं अधिक पुरानी विदर्भ की मंाग है। उन्होंने कहा कि फजल अली कमिशन ने विदर्भ राज्य का प्रस्ताव दिया था। जबकि छत्तीसगढ़, उत्ताराखंड और झारखंड के प्रस्ताव को नकार दिया था। सांसद मुत्तेमवार ने कहा कि अखंड विदर्भ महाराष्ट्र में 50 वर्ष के बाद भी विदर्भवासियों को विकास से वंचित रहना पड़ा है। उन्होंने केवल आश्वासन दिए हैं और विदर्भ बदहाली का शिकार होता रहा है। विदर्भ में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बिजली, पानी की समस्या के साथ अन्य बुनियादी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। इसके अलावा अनेक समस्याओं के जाल में विदर्भ फंसा हुआ है।
पूर्व विदर्भवादी नेता जामुुंतराव धोटे ने अपने जोशीले अंदाज में कहा कि जो नेता विदर्भ का विरोध कर रहे हैं, वे लोग विदर्भ द्रोही है। उन्होंने इस आंदोलन को सबसे पुराना और सबसे बड़ा आंदोलन बताते हुए कहा कि अब यह आंदोलन और जोर पकड़ेगा। वक्ताओं ने अहिंसा पर जोर देते हुए कहा कि विदर्भ का आंदोलन हिंसात्मक नहीं होगा। इसीलिए आज धरने को महात्मागांधी के पुतले के पास किया गया। धरना पंडाल एवं सड़कों पर सैकड़ों लोग जमा थे। धरना आंदोलन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला।
धरना आंदोलन में अनेक स्थानीय नेताओं ने हिस्सा लिया। इसमें विशेष रूप से विधायक एस.क्यू. जमा, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता, विधायक दीनानाथ पडोल, पूर्व नगर अध्यक्ष हाजी शेख हुसैन, विदर्भ जनांदोलन समिति के अध्यक्ष किशोर तिवारी, निगम पार्षद कामिल अंसारी, जनता दल के नगर अध्यक्ष रवि पैगवार आदि भी मौजूद थे।

कोई टिप्पणी नहीं: