सोमवार, जनवरी 04, 2010

पृथक विदर्भ के लिए एकजुट दिग्गज

संजय स्वदेश
नागपुर।
पृथक विदर्भ अंदोलन की गति तेज हो चली है। रविवार 3 जनवरी को नागपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद विलासराव मुत्तेमवार के नेतृत्व में आयोजित धरना प्रदर्शन में राज्य के दुग्ध व पशुपालन मंत्री ने गरजते हुए कहा कि अब विदर्भ के लिए जरूरत पड़ी तो इस्तीफा देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इसके बाद अलग ही दिन सोमवार को आयोजित एक बैठक में विदर्भ के कई दलों के नेता आपसी मतभेद भुलाकर साथ आए। विदर्भ के आंदोलन को और तेज करने का आह्सान करते हुए कहा कि यदि तेलंगाना के साथ-साथ पृथक विदर्भ के लिए केंद्र ने अभी सकारात्मक कदन नहीं उठाये तो आने वाले दिनें में आंदोलन हिंसक भी हो सकता है। नागपुर के उत्तर अंबाझरी रोड स्थित राष्ट्रभाषा संकुल में आयोजित बैठक में कांग्रेस, राकांपा, भाजपा, रिपाई आदि विभिन्न संगठनों के नेताओं ने सभा को संबोधित किया। सांसद दत्ता मेघे ने कहा कि पृथक विदर्भ आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर है। लिहाजा, इस आंदोलन का नेतृत्व युवाओं के हाथ में देना चाहिए और 60 साल से उपर के नेता उन्हें मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पृथक विदर्भ राज्य का गठन होता है तो वे किसी तरह का पद नहीं लेंगे। उन्होंने बताया कि शरद पवार ने पृथक विदर्भ के समर्थन में सहमति दे दी है। सोनिया गांधी के साथ भी इस संदर्भ में बैठक हो चुकी हैा। पूर्व सांसद बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि विकास की तमाम संभावनाओं के बाद भी विदर्भ क्षेत्र पिछड़ा रहा। हर मामले में साधन संपन्न होने के बाद भी उपेक्षा के अलावा विदर्भ को कुछ नहीं मिला। पृथक विदर्भ के लिए इससे अच्छा कोई और समय नहीं हो सकता है। बैठक में प्रमुख दलों के नेताओं को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के साथ-साथ पृथक विदर्भ का आंदोलन चलते रहना चाहिए। अंतिम निर्णय लेने का यह सही समय है, इसलिए इसी दौरान पृथक विदर्भ के लिए कृति समिति का भी गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 11 जनवरी को रामदास आठवले और जोगेन्द्र कवाड़े भी सिविल लाईन्स स्थित डा. बसंतराव देशपांडे सभागृह में सभा कर रहे हैं। इसी सभा में विदर्भ बंद रखने की तिथि तय की जाए।
विदर्भवादी नेता जामवंतराव धोटे ने कहा कि जिस तरह तेलंगाना की आग फैल चुकी है, वैसी आग विदर्भ को भी लेकर लगना चाहिए। यदि तेलंगाना के साथ विदर्भ को पृथक राज्य का दर्जा नहीं मिला तो आगामी बीस साल में भी इसके लिए केंद्र सरकार पहल नहीं करेगी। विदर्भ राज्य के गठन का यही समय सबसे बेहतर है। हम पीछे नहीं रहेंगे। विदर्भ के लोगों ने चूडिय़ां नहीं पहन रखी है। भाजपा विधायक देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पृथक विदर्भ आंदोलन के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की भूमिका पर संदेह नहीं करना चाहिए। भाजपा कभी भी इस आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को तैयार है। इसका प्रस्ताव भाजपा ने पहले ही पारित कर दिया है। नवनियुक्त अध्यक्ष नितिन गडकरी भी पृथक विदर्भ के गठन के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि विदर्भ आंदोलन का नेतृत्व कोई भी संभाले, हम उसके साथ हैं। इसके लिए हम शिवसेना की भी परवाह नहीं करेंगे। पूर्व मंत्री रणजीत देशमुख ने भी विदर्भ आंदोलन के लिए युवा नेतृत्व की वकालत की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा की सहमति और अच्छी बात है। कांग्रेस विधायक दीनानाथ पडोले ने कहा कि पृथक विदर्भ आंदोलन की रूपरेखा तय करने का यह माकूल समय है। सभी को मिलजुल कर एक नीति के अनुसार इसकी रूपरेखा तय करनी चाहिए, ताकि आंदोलन अबाध रूप से चलता रहे।

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