मंगलवार, फ़रवरी 16, 2010

गडकरी राज में आएगा भाजपा में रामराज

आज से इंदौर में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रामराज की नीतियों का खुलासा करेंगे भाजपा अध्यक्ष
नागपुर।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पार्टी को रामराज, सुशासन और अंत्योदय का नया मंत्र दिया है। संभावना है कि अपनी इसी नीतियों का खुलासा वे आज से इंदौर में शुरू होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कर सकते हैं। भाजपा अध्यक्ष के ये नए मंत्र पार्टी में लंबे समय में चर्चा में रहे संगठन, संरचना और संघर्ष के मंत्रों का विस्तार माना जा रहा है। संभावना है कि विकास प्रक्रिया को गति देने के लिए सबसे अहम 22 क्षेत्रों पर पार्टी के दृष्टिकोण को गडकरी इंदौर अधिवेशन के भाषण में विस्तार से बताएंगे। ये प्रमुख 22 क्षेत्रों का संकेत पिछले दिनों गड़करी ने नागपुर में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में दिया था।

प्रस्तावों की पोटली में नीतियों का भंडार

गडकरी का मानना है कि भारत में अपनाए गए सोवियत संघ के मॉडल के बुरे परिणाम अब स्पष्ट नजर आने लगे हैं। इसी मॉडल का नतीजा है कि देश में गरीबी 12 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इसलिए भाजपा सुशासन और अंत्योदय के लिए काम करेगी जिससे कि गरीबी में कमी आए और रोजगार के अवसर बढ़ें। ऐसा होने पर विकास का लाभ देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच पाएगा। यह सुशासन के जरिए ही संभव हो सकता है। संभावना है कि इंदौर की बैठक में गड़करी निजी-सार्वजनिक भागीदारी के प्रभावी तरीके पर लागू करने पर जोर देने के अलावा खेती और कृषि प्रसंस्करण, उद्योगों का विकेंद्रीकरण, बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों का दोहन, सिंचाई और जल प्रबंधन परियोजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू करने, रोजगार की संभावना वाले राज्य स्तरीय उन परियोजनाओं पर भी निश्चित अवधि में पूरा करने आदि का प्रस्ताव रखेंगे।
तय कर सकते हैं नेताओं की जिम्मेदारी
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित होने वाले राजनीतिक प्रस्ताव के संबंध में यह उम्मीद है कि नितिन गडकरी पार्टी नेताओं के लिए पुरस्कार और दंड के मामले में पार्टी की रणनीति स्पष्ट करेंगे। इसके अलावा अनुशासनहीनता को भी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने की चर्चा राजनीतिक प्रस्ताव में होने की संभावना है। गडकरी पार्टी नेताओं के लिए जिम्मेदारी तय करने की बात भी उठा सकते हैं। हालांकि पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी तय करने की गडकरी की यह आसान नहीं होगी। क्योंकि गड़करी ने ऐसे समय में पार्टी का नेतृत्व थामा है जब पार्टी में आंंतरिक कलह और गुटबाजी चरम पर रही। जानकारों का कहना है कि कुछ इसी नीतियों के साथ ही इंदौर की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में गडकरी सुशासन की रणनीति और पार्टी अनुशासन की नीति स्पष्ट कर सकते हैं।
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