सोमवार, अप्रैल 05, 2010

खाद्य तेल के हैं 1200 ब्रांड

(0) तेल बाजार में करोड़ों का नकली कारोबार
(0) खूब कमाई कर रहे हैं अधिकारी
विशेष प्रतिनिधि
नागपुर। जहरीले तेल से मौत का सिलसिला नगर में शुरू हो चुका है और अन्न व औषधि विभाग दिखावे की कार्रवाई कर एक छोटे मुर्गे पर कार्रवाई भी कर चुका है लेकिन बड़ी मछलियों को छूने की हिम्मत अधिकारियों की नहीं हो रही है। नागपुर के तेल बाजार खाद्य तेल घर बैठे पहुंचाने वाले रहस्मय टैंकरों का पर्दाफाश होने के बाद पता चला है कि नागपुर के तेल बाजार में खाद्य तेल के एक नहीं, दो नहीं बल्कि पूरे 1200 ब्रांड हैं और इनमें से अधिकांश नकली हैं। नागपुर के तेल बाजार में करोड़ों का नकली कारोबार चल रहा है और इस कारोबार को बढ़ावा देने वाले अन्न व औषधि विभाग के कुछ अधिकारी भी लाखों की कमाई में व्यस्त हैं। यही कारण है कि बड़ी मछलियों पर हाथ डालने से पहले उन्हें 10 बार सोचना पड़ रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर के तेल बाजार में 1200 से अधिक ब्रांड के तेल मौजूद हैं। लेबल कुकुरमुत्ते की तरह मिल जाते हैं और जितने भी नए कारोबारी इस धंधे में आ रहे हैं वे नए लेबल के साथ बाजार में उतरते हैं और ग्राहक सैकड़ों प्रकार के लेबलों के कारण भारी असमंजस में है। सूत्रों ने बताया कि अधिकांश लेबल धारक नकली कारोबार करते हैं। तेल एक ही होता है, बस लेबल अलग होता है। अकेले सोयाबीन तेल की नागपुर के बाजार में 700 से अधिक ब्रांड हैं। इन दिनों सोयाबीन तेल की खपत सबसे अधिक है जिसके कारण इसके कारोबार में कुकुरमुत्तों की तरह कारोबारी उग आए हैं। खाली तेल के टीन लाकर उन पर मनमाने ढंग से लेबल चस्पाए जाते हैं। मजे की बात यह है कि लेबल पर जो पता होता है वह पूरी तरह काल्पनिक होता है। इस प्रकार के लेबलों की आपूर्ति करने वालों ने भी अपनी दुकानें अलग से खोल ली हैं। तेल बाजार में खतरनाक खेल चल रहा है। इस पर किसी का ध्यान नहीं है। जिन लोगों पर इसका ध्यान रखने की जिम्मेदारी है, वे चैन की बंसी बजा रहे हैं। न तो अन्न व औषधि प्रशासन विभाग इधर ध्यान दे रहा है और न ही तेल व्यापारियों का संगठन ध्यान दे रहा है। किसी के पास इस बात का जवाब नहीं है कि तेल बाजार में अगर 1200 से ज्यादा लेबल वाला माल है तो आखिर वह कहां का है और किसका है।
नकली माल वाले तो तेल बाजार में सक्रिय हैं ही, कई नामी ब्रांड वाले भी नकली लोगों को देखकर अपना रंग बदल चुके हैं। पिछले वर्ष एक नामी ब्रांड वाले तेल विक्रेता के पाउच में बदबूदार तेल मिलने की घटना से सनसनी फैल गई थी। इस तेल के पैकेट राज्य के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को भी भेंट किए गए थे। मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था लेकिन बाद में सबकुछ शांत हो गया। अधिकारियों, नेताओं द्वारा शह दिए जाने के कारण ही आज तेल बाजार में कई अपराधी तो घुस आए ही हैं, वर्षों से व्यापार करने वाले लोग भी अपने हाथ काले करने से नहीं डर रहे हैं। इस नकली कारोबार पर शीघ्र ही रोक नहीं लगाई गई तो आज 3 लोग ही मरे हैं, कल चलकर 300 लोग या 3000 लोग भी मर सकते हैं। वैसे भी घातक तेल के कारण कई लोग विभिन्न बीमारियों का शिकार हो ही चुके हैं।

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