रविवार, अप्रैल 04, 2010

राजनीतिक विसंगतियों पर व्यंग्य बाण


लोहिया अध्ययन केंद्र नागपुर में आयोजन

राजनीतिक गलियारों में आईं विसंगतियों पर नागपुर me सुभाष मार्ग स्थित लोहिया अध्ययन केन्द्र के स्व.मधु लिमये स्मृति सभागृह में शनिवार को व्यंग्य के तीर चले। शहर के नामी व्यंग्यकारों जैसे डा. गोविंद प्रसाद उपाध्यय एवं टीकाराम साहू 'आजादÓ ने धनुर्धर की भूमिका निभाई। डा. गोविंद प्रसाद उपाध्याय ने स्वाइन फ्लू के बहाने बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों द्वारा मचाई गई लूट की खबर ली और सत्ता के लिए गठबंधन की राजनीति पर कटाक्ष किया।

डा.उपाध्याय ने 'सुअर सम्वादÓ एवं 'गांठ बिना गठबंधनÓ शीर्षक से व्यंग्य पाठ किया। टीकाराम साहू 'आजादÓ ने सदन में बजट के दौरान मूल चिंताओं से ध्यान हटाने के लिए कविताओं का सहारा लेने पर चुटकी ली। यही नहीं सदन में अभद्र आचरण पर व्यंग्य भी किया। श्री साहू ने 'कविता और बजटÓ एवं 'विधानसभा में अखाड़ाÓ शीर्षक से व्यंग्य पाठ किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष शिक्षाविद डा.ओमप्रकाश मिश्रा ने व्यंग्य की समालोचना करते हुए कहा कि अलग-अलग विचारों के बावजूद व्यंग्य विधा के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि सामाजिक जीवन में व्यंग्य के जैसी स्थिति बन गई है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए युवा कवि एवं पत्रकार उमेश यादव ने कहा कि सामाजिक विडम्बनाओं और जटिलताओं से जुड़े हुए लेखन में, चाहे वह काव्य हो या कथा साहित्य, व्यंग्य का स्वर मुखर होता है। लोहिया अध्ययन केन्द्र के सचिव हरीश अड्यालकर ने आभार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में डा.रामप्रकाश सक्सेना, पुष्पेन्द्र फाल्गुन, नंदकिशोर व्यास, माधवराव दादीलवार, अनिल मालोकर, ओमप्रकाश शिव, सुभाष तुलसीता, कृपण कुमार द्विवेदी, डा. कमलकिशोर गुप्ता, सुरेश हरडे, श्याम शेंडे, एम.के.कापसे, एस.जी. राजकुमार, ओ.पी.वर्मा, सर्जेराव गजपट, विश्वास सहारे सहित बड़ी संख्या में प्रबुध्द जन उपस्थित थे।

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