सोमवार, अप्रैल 12, 2010

ट्रैफिक सिग्नल दुरुस्ती में जमकर भ्रष्टाचार!

निजी कंपनी को मेंटेनेंस कार्य का एक करोड़ बकाया, फिर भी बदहाल है यातायात सिग्नल, एक दूसरे से जिम्मेदारी ढकेल रहे हैं मनपा और यातायात विभाग
नगापुर।
संतरानगरी के यातायात को सुचारु रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभिन्न चौक-चैराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शहर के सिग्नलों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी नागपुर महानगर पालिका को है। लेकिन मेंटेनेंस कार्य की आड़ में मनपा का इंजीनियरिंग विभाग, यातायात विभाग जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
मनपा के इंजीनियरिंग विभाग के सूत्रों का कहना है कि नगर के ट्रैफिक सिग्नलों के लगाने और मेंटेंनेंस का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया है। लेकिन गत कई महीनों से उसे मनपा ने भुगतान ही नहीं किया है। इसलिए कंपनी ने भी अपनी इस जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर लिए हैं। कंपनी को उम्मीद थी कि मनपा की ओर से उसका बकाया वित्तिय वर्ष के अंतिम दिनों में मिल जाएगा। लेकिन मार्च 2010 के समाप्त होने के बाद भी कंपनी को मनपा ने भुगतान नहीं किया। मनपा के इंजीनियरिंग विभाग के नसीर खान ने बताया कि कुछ राशि कंपनी को अभी भुगतान होना बाकी है। लेकिन सभी बिल यातायात विभाग से अनुमोदित होने के बाद ही भुगतान किए जाते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कंपनी का कितना रूपया बकाया है। सूत्रों की मानें मनपा की ओर से कंपनी को करीब एक करोड़ रूपये का भुगतान करना है। पर आश्चर्य की बात यह है कि इतनी मोटी राशि खर्च होने के बाद भी ट्रैफिक सिग्नलों के मेंटेंनेंस कार्य संतोषजनक नहीं दिख रहा हैं। कंपनी, यातायात विभाग और मनपा अधिकरियों के साथ मिलजुलकर मेंटेनेंस के नाम पर मनपा को मोटी चपत लगाने की बात से सूत्र इनकार भी नहीं करते हैं। सूत्रों का कहना है कि यातायात विभाग और मनपा के इंजीनियरिंग विभाग को कंपनी ने बिल पास कराने एक एवज में उन्हें खुश नहीं किया है। वही मनपा स्थायी समिति के अध्यक्ष संदीप जोशी का कहना है कि मनपा के विभिन्न विभागों में सैकड़ों निजी कंपनियां ठेके पर कार्य कर रही हैं। हर किसी के बिलों को तुरंत भुगतान संभव नहीं है। थोड़ी-बहुत तो देरी तो होती ही है। फिलहाल मनपा मेंटेनेंस कार्यों के भुगतान में फंड नहीं होने का रोना रो रही है। वहीं मेंटेनेंस का ठेका लेने वाली कंपनी ने भुगतान नहीं होने से सिग्नलों की देखदेख से हाथ खड़े कर लिये हैं। इससे कई सिग्नलों पर गड़बड़ी की शिकायत आ रही है। नगर के कई चौक-चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्गनल कई घंटो बंद रहते हैं या फिर लाल, पीले और हरे रंग के उनके संकेत ठीक से नहीं दिखाई देते हैं। इससे तेज गति से आ रहे वाहन चालक दुविधा में पड़ जाते हैं। कई बार वाहन चलाकों के बीच तू-तू-मैं-मैं की स्थिति खड़ी हो जाती है। यह स्थिति आए दिन महाराजबाग चौक, इंस्टीट्यूट ऑफ साईंस चौक सिविल लाइन्स, एलआईसी चौक कामठी रोड़, छत्रपति चौक पर लगे ट्रैफिक सिग्नलों पर खराबी देखी जा सकती है। यातायात विभाग के सूत्रों का कहना है कि इन चौक पर आए दिन खराबी होने का मुख्य कारण जमीन के नीचे बिछाये गए केबल तार में गड़बड़ी है। वहीं नगर के कई चौक-चौराहे हैं, जहां लगे ट्रैफिक सिग्नल के रंग स्पष्ट नहीं दिखाई देते हैं। यह स्थिति मानेवाड़ा और सक्करदरा चौक पर देखी जा सकती है। यातायात विभाग का कहना है कि इस संबंध में फरवरी और मार्च महीने में ही मनपा को पत्र लिख कर अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी मनपाकर्मी सुस्त हैं। वे अपनी जिम्मेदारी यातायात विभाग पर ढकेलते हैं। ट्रैफिक सिग्नलों के मेंटेंनेंस की जिम्मेदारी मनपा के इंजीनियरिंग विभाग पर है। इस विभाग का कहना है कि जब यातायात विभाग से किसी सिग्नल के खराब होने की शिकायत आती है तो उसकी दुरुस्ती के लिए कंपनी को तुरंत कह दिया जाता है। कई बार यातायात विभाग की ओर से ही देरी से पत्र आता है। उसमें मनपा क्या कर सकती है?

कोई टिप्पणी नहीं: