शनिवार, अप्रैल 03, 2010

मोबाइल कंपनियों ने निकाला कमाई का नया तरीका

मुफ्त नहीं रही मोबाइल की 'कस्टमर केयरÓ सुविधा
लंबे समय बाद यदि आप अपने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के कस्टमर केयर में कॉल करने जा रहे हैं तो एक बार फिर से सोच लीजिए। यह सेवा अब मुफ्त नहीं रह गई है। टेलीकॉम ऑपरेटरों ने वैल्यू एडेड प्रॉडक्ट व अन्य जानकारी के लिए कस्टमर केयर में कॉल करने पर पैसा वसूल करना शुरू कर दिया है। हालांकि शिकायत दर्ज करवाने के लिए कंपनियों के टोल फ्री नंबर पर कस्टमर केयर में कॉल मुफ्त ही रहेगी। इस खबर से भले ही ग्राहकों को धक्का लगे, मगर टेलीकॉम कंपनियों ने कमाई का नया रास्ता खोज निकाला है। भारती एयरटेल, वोडाफोन एस्सार, एयरसेल, आइडिया व कुछ अन्य कंपनियां कॉल सेंटर के ग्राहक सेवा प्रतिनिधि (कस्टमर केयर रिप्रजेंटेटिव) से बात करने पर तीन मिनट तक की कॉल के 50 पैसे वसूलने लगी हैं। एक वोडाफोन स्टोर के प्रबंधक ने बताया कि कस्टमर केयर पर कॉल कर अगर उपभोक्ता हमारे एग्जिक्यूटिव से बात करता है तो हम उस कॉल के चार्जेज वसूलेंगे। शिकायत दर्ज करवाने की सुविधा टोन फ्री ही रहेगी। बैलेंस जानने, एकाउंट संबंधी जानकारी या आईवीआर सर्विस पर चार्ज नहीं लिया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि फिलहाल रिलायंस और टाटा डोकोमो ने यह सुविधा नि:शुल्क रखी है। जबकि जीएसएम में यह दोनों कंपनियां भी कस्टमर केयर पर कॉल के पैसे वसूलेंगी। दिनोंदिन घटती कॉल दरों से मुनाफे में कमी झेल रही कंपनियां अब ग्राहकों से पैसे वसूलने के नए-नए रास्ते खोज रही हैं। हालांकि कस्टमर केयर में प्रत्येक कॉल के पैसे काटना नियम के खिलाफ है। क्योंकि कंपननियां पहले ही अनिवार्य टोल फ्रीस सुविधा उपलब्ध कराने का दावा करती है।
कंपनियों के नये नियम से उपभोक्ताओं को काफी देर तक इंतजार में रखा जाता है। कई लोगों ने बताया कि कस्टमर केयर कॉल पेड होने के बाद भी उनकी समस्याओं का संतोजनक समाधान नहीं हो पा रहा है।
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