गुरुवार, फ़रवरी 10, 2011

तो थोड़ा सुकून मिलेगा

खबर है कि मोबाइल पर बात करना महंगा हो सकता है....
जब से मोबाइल पर बातचीत की दर सस्ती हुई है। जिंदगी तेज हो गई है। लोगों को सुकून छिन गया है। अचानक मोबाइल की घंटी दो पल के सुकून में खलल डाल देती है। जब कॉल महत्वपूर्ण और अनावश्यक या सामान्य होता है, तो झुंझलाहट होती है।
क्या यह संभव है कि कॉल दर महंगा होने से आनावश्यक कॉल में कमी आएगी और लोगों को थोड़ा सुकून मिलेगा।

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