<स्रद्ब1>समाचार- 2हैदराबाद की 7-सीज टैक्नोलॉजिज के प्रबंधक निदेशक मारुति शंकर का मानना है कि आज के भारतीय समाज में महिलाएं किसी भी मामले में निर्णय लेने में प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं। यदि किसी बात में उनकी सहमति मिलने का मतलब पूरे परिवार की सहमति। यदि मम्मी किसी गेम से खुश हैं तो बच्चें को भी उस गेम को खेलने से नहीं रोकेगी। कंपनी महिलाओं और बच्चों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा तथा मस्तिष्क विकास से जुड़े गेम तैयार करने में लगी है। इस कंपनी के ऑनलाइन गेम्स डॉट कॉम के पोर्टल ऑनलाइनगेम्स डॉट कॉम के 14 लाख ग्राहकों में 30 प्रतिशत महिलाएं है। समाचार- 2मुंबई की गेम्स टू विन के सीईओ आलोक केजरीवाल के अनुसार दुनिया भर मे इंटरनेट उपभोक्ता में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। महिलाएं सबसे महत्वूपर्ण ग्राहक साबित हो रही हैं, क्योंकि परिवार में बड़ी खरीद के निणर्य अमूमन गृहिणी लेती है। ऑनलाइन गेमिंग को विज्ञापनों का बहुत सहारा होता है। यदि विज्ञापनों के जरिये महिलाओं को लुभाना है तो उनके मुताबिक गेम भी तैयार करना होगा। समाचार- 3गेम्म टु विन कंपनी इंटïयूशन यानी आभास के आधार पर गेम तैयार कर रही है, जिसे महिलाएं आराम से खेल सकें। इसको खेलने के लिए किसी तरह के दिशा निर्देश पढऩे की जयरत नहीं होगी। कंपनी ने महिलाओं को लुभाने के लिए करीब 4 करोड़ रुपये खर्च करके 60 गेम तैयार किया है। एक कंपनी ने तो सिने तारिका मलाइका अरोड़ा खान को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। इनके लिए मनोरंजन, कंपनी के लिए बाजार थकान मिटाने और मनोरंजन के लिए मम्मी खेलने लगीं बच्चों का गेम कंप्यूटर गेम केवल बच्चे व युवजनों के खेलने के नहीं रहे। अब फुर्सत के समय घर में अकेली बोर होती महिलाएं भी बच्चों का कंप्यूटर खोल मनोरंजन के लिए गेम खेलने लगी हैं। वुमन भास्कर,नागपुर. घीसे-पीटे धरावाहिकों की कहानी से गृहिणियां उबने लगी हैं। वे अब अपने मनोरंजन के लिए गेमिंग का सहारा ले रही है। स्कूल की खुलते ही जहां बच्चे आधे से ज्यादा दिन स्कूल और टï्यूशन क्लास में व्यस्त हो गए हैं, वहीं पतिदेव के दफ्तर जाने के बाद कई बारियत से बचने के लिए गृहिणियों ने कंप्यूटर पर गेम खेलने की उत्सुकता बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि गेमिंग उत्पाद की कुछ कंपनियां महिलाओं को ध्यान में रख कर कुछ नये-नये रोचक गेम बनाने में जुटी हैं। वर्धमानगर की पूनम अग्रवाल का कहना है कि कई बार घर के काम जल्दी खत्म हो जाते हैं। टेलीविजन पर भी मनपसंद का कार्यक्रम नहीं आता है। बोरियत दूर करने के साथ-साथ थकान मिटाने के लिए कंप्यूट पर गेम खेलना अच्छा माध्यम है। एमबीए की छात्रा वैशाली शेंडे का कहना है कि कभी बोरियत होती है तो लॉपटॉप पर गेम खेल लेती हूं। खेलने में बड़ा मजा आता है। किला भेद और दुश्मनों को सफाया करने में इतना रोमांच आता है कि गेम जीते बगैर इसे बंद करने का मन नहीं करता है। जब तक पूरी तरह से जीतती नहीं, खेलना बंद नहीं करती हूं। इसे खेलेन के लिए मम्मी को भी सीखाया है। उसे भी की-बोर्ड पर कंप्यूटर पर दुश्मनों पर गोली चलाना अच्छा लगता है। संगीता पांडे का कहना है कि बच्चों को खेलते देख उत्सुकता होती है। लेकिन उन्हें इसे कम खेलने और पढ़ाई ज्यादा करने की सलाद देती हूं। कभी-कभी बच्चे मुझे भी गेम खेलना सीखने की कोशिश करते हैं। नगर के विभिन्न साइबर कैफे में गेम खेलने आने वाले ग्राहकों में युवतियां भी शामिल है। मास्टर माईंड कंप्यूटर कैफे के संचालक विनोद गजभिये का कहना है कि अब लड़के-लड़कियां कंप्यूटर पर चैटिंग की अपेक्षा गेम खेलना पसंद करते हैं। इसमें उन्हें ज्यादा मजा आने लगा है। रामदास पेठ स्थित बिग बाजार में गेमिंग का एक अलग ही जोन है, जहां अभिभावक अपने बच्चों को गेम खेलने के लिए लाते हैं। बच्चों को खेलते देख उनमें भी खेलने की उत्सकुता होती है। हालांकि वे लोकलाज से यहां नहीं खेलते हैं, लेकिन घर में कंप्यूटर पर गेम खेलने की हसरत जरूर पूरी करते हैं। अपने बच्चे के साथ आई श्रीमती हेमा ने बताया कि यहां उनका बेटा हमेशा आने की जिद करता है। उसे गेम खेलने में मजा आता है। उसे खेलने देख कर उन्हें भी खेलने का मन करता है। लेकिन बच्चों के बीच में उन्हें गेम खेलना अजीब लगेगा, यह सोचकर वे घर के कंप्यूटर पर कभी-कभी गेम खेल लेती हैं। बॉक्स- 3 10 करोड़ डॉलर का होगा गेमिंग बाजार स्ट्रेटजी और पज्जल आदि पर आधारित गेम अब केवल पुरुष ही नहीं खेलते हैं। मोबाइल पर गेम महिलाओं को भा रहे हैं। बहुराष्टï्रीय कंपनियां देश में महिलाओं को आकर्षित करने की विशेष योजना पर कार्य कर रही हैं। गेम में वे सुपरमेन की जगह सुपन वुमन का चरित्र तैयार कर रहे हैं। ज्ञात हो कि भारत में तकरीबन 1.2 करोड़ महिलाएं इंटरनेट का उपयोग करती हैं। कुल भारतीयो द्वारा इंटरनेट के उपयोग के लिहाज से यह संख्या एक तिहाई बैठी है। जानकारों का कहना है कि भारत में ऑनलाइन कैजुअल गेमिंग बाजार 2010 तक 10 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। दुनिया भर में पहले ही गेमिंग का बाजार 2.25 अरब डॉलर तक पहुंच गयाहै और उम्मीद जताई जा रही है कि इस श्रेणी में 2010 तक महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। बॉक्स- 2मनोविश्लेषक की राय मनोविश्लेषकों के मुताबिक गेमिंग में महिलाओं रूची का कारण अधिक कामकाजी होना है। संयुक्त परिवार नहीं रहे। एकल परिवार में महिलाएं एक ही तरह के टीवी सिरियलों से ऊबने लगी है। अधिक थकान और तनाव दूरे करने के लिए थोड़ी देर उन्हें गेम खेलना अच्छा लगता है। हालांकि वे थोड़ी देर सोच कर बैठती है, लेकिन उसमें उनकी रोचकता इतनी बढ़ जाती है कि वे किसी गेम को पूरी तरह जिते बगैर कंप्यूटर नहीं छोडऩा चाहती हैं। मनोरंजन के लिए एक निश्चित समय गेम खेलने में बुराई नहीं है, लेकिन थोड़ी देर की मनोरंजन की लालच में इसके अभ्यस्त होने ने उनके दूसरे जरूरी काम भी प्रभावित होते हैं।
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गुरुवार, जुलाई 10, 2008
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