शुक्रवार, जुलाई 21, 2017
छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति में हरेली
छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति में हरेली को पहला पर्व माना जाता है. ...यह सावन के पहले पखवाडे़ से शुरू होता है. गांवों में कई जगह युवा और बच्चे गेड़ी में दिखते हैं. गेड़ी यानी पांव में डांडा बांध कर चलना, नृत्य करना और लोकगीत को गाना. रायपुर के एक मुख्य सड़क पर उम्र की शतक के करीब वाले एक दादा गेड़ी में नाचते और गाते दिखे तो सहज की ठिठक गया. दो कदम तालमेल की कोशिश नाकाम रही. लोकगीत गाते और नृत्य में जिस उत्साह से चल रहे थे, जैसे अभी-अभी युवा हुए हो. क्या पता कल जब यह कला कितनी रहे या ना रहे, इसे यादगार बनाने के लिए उनके साथ के एक पल को कैमरे में कैद करवा लिया....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें