शुक्रवार, अक्तूबर 30, 2009

अतीत भूलना बुरी बात है.



को आपना अतीत नही भुलाना चाहिए। इस पर काफी लम्बी चर्चा हो सकती है। पर अव नही। फिलहाल एश फोटो के देखिये। इसे आज ही मैंने आपने ईमेल के फोल्डर में देखा। तो पाया की मै कैसा था और कैसा हो गया। फोटो शायद २००४ या २००५ की है। तब और अब तक मेरे चहरे में काफी सफर किया। मेरे एक मित्र बोले थे की आपनी स्वाभाविकता कायम राखिय। पर आज मैं सोचता हूँ की क्या मेरी स्वाभाविकता आज व् पहले की तरह कायम हैं। मुझे लगता हैं हैं और नही भी। टाइम निकल कर एश्पर चिंतन मनन करूँगा की पहले की जो स्वाभाविकता थी और आज की स्थित में क्या जरुरी हैं। पर इतना तो तय है की अतीत को भूल कर व्यक्ति खुट को धोखा ही दे सकता हैं।

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