शुक्रवार, अक्तूबर 01, 2010

पंचायती फैसले की तरह है कोर्ट का निणर्य

संजय स्वदेशअयोध्या प्रकरण पर रामलला की जमीन में आधे आधे के बटवारे पर मुलायम सिंह का बयान है। फैसले में कानून पर आस्था भारी दिख रही है। भविष्य में इसके कई परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। निश्चय ही कानून के खिलाड़ी इस प्रकरण में फैसले का हवाला देकर उन मामलों में जीत हासिल करने की कोशिश करेंगे, जिसमें किसी दूसरे की जमीन का दबंगई से कब्जा जमाया गया है। कई मामले हैं, जिसमें आस्था के आगे कानून को नरमी दिखानी पड़ी है।
यदि इस मामले में कानून के अनुसार निर्णय दिया जाता तो फैसला पूरी तरह किसी एक समुदाय के पक्ष में जाता। जरा साचिये, फिर देश में क्या होता। उन्नामदी मसूमों के रक्त से खेलते। पर कोर्ट की सूझबूझ और जनता के संयम ने उन्नादियों के मंसबूों पर पानी फेर दिया है। पंचायती निर्णय को स्वीकारने की परंंपरा पुरानी रही है। कोर्ट का निर्णय पंचायती निणर्य की तरह की सबको खुश कर बीच का रास्ता निकालने वाला है।
मुलायम की बात सही है। आस्था कानून पर भारी पड़ी है। पर यह बात को कानून की बुनियाद में भी है कि कई बार जहां काूनन की पेचिदगियां होती है, उसमें अदालत स्व विवेक से भी निर्णय देता है। लेकिन इस निर्णय में कोर्ट ने कई तत्थों को आधार बनाया है। और तीन जजों में फैसला बहुमत से लिया गया है। पर एक निर्णय से एक संकेत तो मिल ही गया है कि गलत मंसूबों के अदालत न्याय देगी और न ही जनता अब उसे प्रश्रय देगी। कम से कम अयोध्या मामले में पूरा देश तो एकमत है ही। निर्णय से पूर्व तनाव भरा जो महौल बना, उसके लिए मीडिया और सरकार कम दोषी नहीं रही है।
दबंग लोग सबक लें...इस फैसले से उन लोगों को भी सबक लेनी चाहिए जो अपने का समाज में प्रभावशाली और बाहुबली मानते हैं। दबे-कुचले की जमीन हथिया लेते हैं। बाबर ने जो गलती की, उसका नतीजा हमने 1992 में देख लिया। जो लोग दूसरे की जीमन हथियाएंगे, जरूरी नहीं कि उनकी आने वाली पीढिय़ां उनके जैसे दबंग रहेगी। कालचक्र में कमजोर, पीडि़त पक्ष की नश्ले भी मजबूत होकर उभरेंगी। वे अपने पूर्वजों पर हुए जुल्म की खोज-खबर लेगी। तब तक जुल्म ढाने वाले दंबंगों की अगली पुश्ते अपने पूर्वजों की गलती से अनजान रहेगी। वह भी मासूम रहेगी। तब क्या होगा। गलती पूर्वजों की सजा सजा पुश्तों को मिले। इसलिए अपने तत्कालीन सुख के लिए दूसरे का हक न मारे। भविष्य में उनकी पुश्ते उनकी लगतियों का बोझ उठाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं: