गुरुवार, फ़रवरी 25, 2010

न्यूयार्क के परिषद में उठेगा खैरलांजी का मामला

संजय स्वदेश
नागपुर।
वर्ष 2006 में विदर्भ के भंडारा जिले में चर्चित खैरलांजी दलित हत्याकांड का मुद्दा न्यूयार्क में आयोजित होने वाली ग्लोबल एनजीओ फोरम फॉर वुमेन की अंतरराष्ट्रीय परिषद में उठेगी। दो दिवसीय परिषद 27 फरवरी से शुरू हो रही है। इस परिदस में शामिल होने के लिए समाजिक कार्यकर्ता एवं स्त्री अत्याचार विरोधी परिषद की अध्यक्ष डॉ. सीमा साखरे न्यूयार्क जा रही है। डा. साखरे ने बताया कि देश में सरकार के पास समाज में परिवर्तन लाने की कोई योजना नहीं है। कल्याणकारी योजनाएं सरकार के भरोसे वहीं चलती। सरकार काम कानेवाली संस्थाओं को समय पर अनुदान नहीं देती। स्त्रियों पर अत्याचार के संदर्भ में सरकार अल्पावासगृह, हेल्प लाइन, पारिवारिक सलाह सेवा केंद्र बड़े पैमाने पर शुरु करने को घोषणा तो करती है, लेकिन जो भी समाजसेवी संस्थाएं इस दिशा में काम करती हैं, उन्हें दो-दो साल अनुदान नहीं मिलता है। महिला बाल कल्याण मंत्रालय या फिर सोशल वेलफेयर बोर्ड की ओर से भी अनुदान देने में देरी होगी।
डा. साखरे ने बताया कि 498 अ कानून पुलिस और समाज में लोगों को ठीक तरह से समझ नहीं आने के कारण इसका व्यापक लाभ महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है। पुलिस भी महिला अत्याचार की अनदेखी कर रही है। आज भी महिलाओं लैंगिक शोषण, मानसिक सोशन, दहेज, मानसिक, आर्थिक सोशल आदि बदस्तूर जारी है। अंतर राष्ट्रीय स्तर पर वे भारतीय महिला खासकर पिछड़े वर्ग की महिलाओं पर होने वाले अत्याचार न्यूयार्क परिषद में उठाएगी।
डा. साखरे ने बताया कि इस बैठक में वे महिलाओं पर खासकर दलित महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के साथ नागपुर में वर्ष 2006 के चर्चित खैरलांजी प्रकरण में सुरेखा भोतमांगे के परिवार पर हुए क्रूर अत्याचार को उठाएगी।
ज्ञात हो कि खौरलांजी मामले में छह आरोपियों को कोर्ट ने मौत की सजा सुना चुकी है।
००००००००००००००००००००००००००००००

कोई टिप्पणी नहीं: