संजय स्वदेश
नागपुर। पुणे में हुए आतंकी घटना में विरोध में गत 14 फरवरी को नागपुर में भागवा बिग्रेड ने पाकिस्तान का झंडा जलाया गया था। इस घटना के दस दिन के अंदर एक बार फिर पाकिस्तानी झंडा जलया गया है। इस बार झंडा जलाने वाले सिख समुदाय के लोग है। गत दिनों पाकिस्तान में सिख समुदाय के दो लोगों की नृसंस हत्या और वहां सिखों पर हो रहे अत्याचार अत्याचार के विरोध में झंडा जलाया गया। नागपुर के कामठी स्थित दस नंबर पुलिया के पास सिख समुदाय के लोग एकजुट हुए। पाकिस्तान के विरोध में नारेबाजी करते हुए झंडा जलाया । इसके बाद श्री गुरु तेगबहादुर साहिब गुरुद्वारा की ओर से जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी दिया गया, जिसमें पाकिस्तान में हुई इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की गई है। उसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में तालिबानी आतंकवादी संगठन की ओर से सिख समुदाय के लोगों का अपहरण कर जजिया कर की मांग की गई। इस कुप्रथा की निंदा करने ओर विरोध करने पर उनकी कू्ररता से हत्या कर दी गई। सनद रहे गुरु गोविंद सिंह महाराज एवं शिवाजी ने जजिया कर का पुरजोर विरोध किया था। हिंदुस्तान में यह कर औरंजेब ने लगाया था और अकबर ने हटाया था। अब तालिबानी इस टैक्स को वसूलकर इतिहास को दोहराना चाहते हैं। तालिबानियों की इस हरकत से यह सिद्ध होने लगा है कि सिख और मुस्लिम समुदाय के बीच नफरत फैलाने का षडय़ंत्र रख जा रहा है। लेकिन तालिबान के ये मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। पाकिस्तान का झंडा जलाने के लिए जमा हुई भीड़ में शहर में सिख समुदाय के प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे। इसमें प्रमुख रूप से कुक्कू मारवाह, नवनीत सिंह तुली, मलकित सिंह बल, टोनी जग्गी, बबी बावा, गुरुविंदर सिंह गुल्लू, तरसेम सिंह, इकबाल, खान, राजा द्रोणकर, बबली, मेश्राम, मुन्ना दीक्षित परमजीत सिंह पम्मपा, गुरुमित ङ्क्षसह सैनी, कनैल सिंह, राजेंद्र सिंह सैनी, सतविंदर सिंह घोतरा, अजमेरा सिंह, वीरबहादुर सिंह पोल्ला, हरताज सिंह कालरा, , हरदीप सिंह बाजवा, कल्लू मुलतानी, कुलदीप सिंह सैनी , सतपाल सिंह, संदीप सिंह, प्रिन्स मारवाह, सोनू कालरा, सुखविंदर सिंह तुली, गुरुमित सिंह सोढी, अजीत सिंह भाटिया, जसपाल सिंह हुंजन, हरदीप सिंह सौनी, निर्मल सिंह, प्रीतम सिंह सैनी, शाहिद शरीफ समेत अनेक लोग शामिल थे।
सोची समझी साजिश : शरीफ
एलाइट्स मुस्लिम आफ इंडिया (ईएमआई,नागपुर) ने पाकिस्तान में सिखों की हत्या पर कड़ा रोष जताते हुए कड़ी निंदा की है। ईएमआई के अध्यक्ष शाहिद शरीफ ने कहा है कि यह लड़ाई सोची समझी साजिश है। तालिबान अपनी मंशा में कभी सफल नहीं हो सकते हैं। भारत समेत अन्य देशों में सदियों पुरानी परंपरा के साथ आज भी मुस्लिम और सिख समुदाय के बीच भाईचारा बना हुआ है। तालिबानी संगठन इसी भाईचारे को तोड़ कर अपनी हीत साधना चाहते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें