गुरुवार, फ़रवरी 11, 2010

खान के 'रण में कूदी उमा भारती

उमा ने कहा :- बाल ठाकरे-राज देश छोड़ें

संजय स्वदेश

नागपुर।

शिवसेना बनाम अभिनेता शाहरुख खान के 'रणÓ में भारतीय जनशक्ति पार्टी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने भी छलांग लगा दी है। उन्होंने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे पर उन्हीं की आक्रामक शैली में हमला बोलते हुए कहा है कि हिन्दी का विरोध करने वाले बाल ठाकरे और उनके भतीजे राज ठाकरे लंदन जाकर बस जाएं और वहीं मराठी का प्रचार-प्रसार करें। संतरानगरी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आईं उमा भारती ने रेलवे स्टेशन पर कुछ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ये दोनों नेता हिन्दी का विरोध कर रहे हैं, जबकि अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव पर किसी तरह की आपत्ति नहीं कर रहे हैं। सुश्री भारती ने अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म 'माई नेम इज खानÓ का विरोध न करने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसे आंदोलनों से फ्लॉप होने वाली फिल्म कई बार हिट हो जाती है।
उमा ने कहा कि उम्र के लिहाज से शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे को अब लिखना बंद कर देना चाहिये। उन्होंने पिछले दिनो क्या लिखा, क्या कहा यह भी याद नहीं? उनके लिखने बोलने में अब पहले जैसी धार या ललकार भी नहीं रही। दोनों चाचा-भतीजे बेवजह लोगो को भड़काने का कार्य कर रहे हैं। और दोनों की आपसी लड़ाई का कांग्रेस न केवल लाभ ले रही है, बल्कि उन्हें संरक्षण देने का भी कार्य कर रही है।

... tab होता विरोध तो ठीक था
उन्होंने कहा की शाहरूख खान पर पहले भी संदिग्ध लोगों के साथ संबंध होने का आरोप लग चुका है। जब शाहरूख को अमेरिका हवाई अड्डे पर रोका गया था तो उसने इस बात को लेकर नाराजी व्यक्त कर लोगों की सहानुभूति पाना चाहा था। मगर बाद में जब उस पर और गंभीर आरोप लगे तब खान खामोश हो गया। उन्होंने कहा कि इस खान में दम नहीं है। इसका विरोध करने से इस फिल्म को अब फिल्म काफी लोकप्रिय हो चुकी है। शिवसेना के विरोध प्रदर्शन का लाभ फिल्म निर्माता तथा शाहरूख खान को मिलेगा।
शाहरुख की देशभक्ति पर शक नहीं
उमा ने कहा कि मैं शाहरुख खान की देशभक्ति पर शक नहीं करती। मगर शाहरूख का नाम भी कुछ उन संदिग्ध लोगों के साथ जुड़ चुका है जो आतंाकवादी संगठनों से संपर्क रखते हैं। यदि शिवसेना इस बात का विरोध करती तो जायज था। मगर फिल्म के विरोध में कोई तुक नहीं दिखाई दे रहा है।
चाता-भतीजे को चुनौति
उन्होंने कहा कि उत्तर भारतियों का विरोध जायज नही है। मैं तो दोनों चाचा-भतीजे को चैलेंज करती हंू की जब मैं मुंबई जब जाऊं तो मेरा विरोध करके दिखाये। मैं उनसे बिलकुल नहीं डऱती।

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