मंगलवार, अगस्त 10, 2010

सेक्स क्षमता बढ़ाने की गलतफहमी से गधों पर संकट



'दो बैलों की कथाÓ प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी है। कहानी की शुरुआत में प्रेमचंद गधा पुराण से करते हुए बताते हैं कि कैसे गधा चुपचाप मेहनत करता है और मालिक की मार खाता है। सच कहें तो गधे जैसा मेहनती कोई अन्य पशु नहीं। लेकिन समाज में गधों को लेकर नकारात्मक लोकोक्ति का प्रसार हो गया। खैर बदले दौर में गदहों की उपयोगिता कम हो गई थी। लेकिन आधुनिक जमाने में गधों के प्रति फिर से एक नया समाजिक गलतफहली फैलने से इसकी उपयोगिता बढ़ गई है।
नागपुर। आप माने या न मानें, पर महाराष्ट्र के कुछ स्थानीय खबरों पर यकीन करें तो इन दिनों राज्य के गधों पर भारी संकट मंडरा रहा है। इनकी तस्करी होने लगी है। तस्करी से गधे महाराष्ट्र से पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि गधों के खून और मांस का उपयोग लैंगिक क्षमता बढ़ाने के लिए होने की गलतफहमी समूचे आंध्रप्रदेश में फैल गई है। इस कारण महाराष्ट्र के गधों पर संकट के बादल मंडरा रहा है। पिछले कुछ महीनों में करीब 50000 हजार गधों को महाराष्ट्र से आंध्रप्रदेश भेजे गए हैं। गधों की तस्करी के लिए कई एजेंट भी सक्रिय हो गए हैं। ये दूर-दराज के गांवों के गधों की चोरी भी करने लगे हैं। परभणी जिले के शहर गंगाखेड़ से पिछले 3 माह में ही करीब 350 गधों की चेारी होने की सूचना है। गंगाखेड़ पुलिस थाने में गधों के लगभग 29 मालिकों ने अपने गधों की चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस की जांच में गधों की तस्करी का सनसनीखेज मामला उजागर हो चुका है।
स्थानीय लोग कहते हैं कि गुंटूर जिले के बापटला क्षेत्र में गधों का बड़ा बाजार लगता है। आंध्र के लोगों में यह गलतफहमी फैल गई है कि गधों के खून तथा मांस से लैंगिक क्षमता में तेजी से वृद्धि होती है। इसी कारण गधों की मांग बाजार में अचानक बढ़ गई है। आंध्रप्रदेश के बाजारों में गधों का खून 200 रुपये प्रति लिटर तथा मांस 300 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। गधों के खून और मांस की मांग बढऩे के कारण आंध्र में गधों की कमी हो गई है, जिसके कारण अब महाराष्ट्र के गधों पर संकट आ गया है। परभणी जिले की तरह की विदर्भ के यवतमाल जिले से भी गधों की बड़े पैमाने पर आंध्रप्रदेश में तस्करी होने की जानकारी मिली है। यवतमाल के आदिवासी इलाकों के कई नागरिकों के गधे चोरी हो गए हैं। इसके अलावा विदर्भ के अमरावती, पांढरकवड़ा के आंध्रप्रदेश की सीमावर्ती गांवों से भी हालफिलहाल में अनेक गधे चोरी हुए हैं। इसी तरह की खबर परभणी, जालना, औरंगाबाद, किनवट से भी आ रही है। आंध्र में फैले इस समाजिक गलतफहमी से गधों के मालिक परेशान है। गधे चोरी होने से उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गई है।
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