बुधवार, मार्च 02, 2011
जनता से अपेक्षा
गोधरा कांड में सर्जा मुकरर्र हो चुकी। सजा से पहले और सजा के बाद देश के माहौल पर कोई फर्क नहीं पड़ा। क्या देश की जनता प्रबुद्ध हो चली है। क्या वह समझ चुकी है कि दंगे और फसाद का परिणाम केवल रक्तपात है। यदि समझ चुकी है तो फिर क्या जनता से यह अपेक्षा की जा सकती है कि वे दंगों पर राजनीति करने वालों को सबक सिखाएंगी।
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