संजय स्वदेशमध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को सुबह करीब 8.30 बजे नागपुर पहुंचे। उन्होंने महल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। संघ सूत्रों का कहना है कि चौहान ने संघ प्रमुख से करीब दो-ढाई घंटे तक चर्चा की।
नागपुर।
ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व भाजपा की पूर्व नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी नागपुर आकर संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख से बातचीत की। ये सारी चर्चाएं उमा भारती की भाजपा में वापसी की अटकलों को लेकर हो हो सकती हैं। गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान उमा भारत के प्रबल विरोधी माने जाते हैं। संघ मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद भी भाजपा के उमा विरोधी नेताओं के कारण उनकी पार्टी में वापसी बार-बार टल रही है। उमा भारती के संघ मुख्यालय में आने के दो दिन बाद शिवराज सिंह के संघ मुख्यालय में आने से उमा भारती के प्रति अपना विरोध जताने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जानकारों की मानें तो उमा भारती की भाजपा में वापसी को लेकर चल रही अटकलों के कारण शिवराज चौहान की सिरदर्दी बढ़ गई थी। इसी कारण उन्होंने आनन-फानन में मध्य प्रदेश के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रभात झा के नाम पर इच्छा के विरुद्ध सहमति दे दी थी। इसी बीच 27 अप्रैल को उमा भारती गुपचुप तरीके से फिर नागपुर आकर संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। इससे पहले भी वे कई बार संघ मुख्यालय आ चुकी है। पर मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के समय ही उमा नागपुर आई। एक बात तो स्पष्ट है कि अब उमा भारती की यदि भाजपा में वापसी होती है तो वे राज्य की राजनीति से ऊपर केंद्रीय राजनीति में रहेंगी।
जानकारों का कहना है कि कल्याण सिंह लोध समाज से थे। लेकिन कल्याण सिंह की वापसी की राह में अभी राजनाथ सिंह व अन्य कुछ नेताओं का बड़ा रोड़ा है। इसलिए संभावना है कि उमा भारती को वापस पार्टी में लाकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में खड़ा किया जाए, जिससे कि वे उत्तर प्रदेश की राजनीति में लोध समाज के वोटों को भाजपा में पक्ष कर सके।
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