मंगलवार, नवंबर 02, 2010

निश्चल बचपना की निर्भयता

बचपन में जिस निर्भयता से पटाखे फोड़ते थे, इस उम्र में वह निर्भयता नहीं रही। तो क्या यह मान लिया जाना चाहिए उम्र बढ़ने के साथ निर्भयता खत्म हो जाती है। मुझे लगता है निर्भयता खत्म नहीं होती है। निश्चल बचपन जा चुका होता है। जो लोग अपने अंदर निश्चल बचपन को बचाये रखते हैं वे ऐसे मौके पर ढेरों खुशियां बढ़ोर लेते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: