गुरुवार, जनवरी 21, 2010
हडताल से विदर्भ में जनजीवन ठप
संजय स्वदेश
नागपुर। बुधवार को पृथक विदर्भ राज्य के गठन के लिए विदर्भस्तरीय हड़ताल को जनता का व्यापक समर्थन मिला। जिन सड़कों और फुटपाथ पर हर दिन भीड़-भार नजर आती थी, आज सूनी नजर आई। भीड़भाड़ वाले स्थलों पर इक्का-दुक्का लोग नजर आए। नागपुर से होकर गुजरने वाले लंबी दूरी की ट्रेन सेवा को साथ-साथ लोकल ट्रेन सेवा पर भी हड़ताल का काफी प्रभाव पड़ा।
पृथक विदर्भ के लिए विदर्भ राज्य संग्राम समिति के बैनर तले हड़ताल का आयोजन किया गया था। इसे जनता का स्वस्फूर्त प्रतिसाद मिला और शतप्रतिशत अभूतपूर्व बंद पूरे विदर्भ में रहा। आजादी के बाद संभवत: यह पहला अवसर था जब शांतिपूर्ण तरीके से की गई किसी हड़ताल को इस प्रकार का स्वस्फूर्त प्रतिसाद मिला। बुलढाणा जिले के सिंदखेडराजा से गोंदिया और गड़चिरोली और अमरावती जिले के अंतिम गांव तक हड़ताल के आह्वान पर बंद सफल और शांतिपूर्ण रहा। विदर्भ के कुछ स्थानों पर बसों पर पथराव की सूचना मिली है। जरीपटका सहित विदर्भ के 9 स्थानों पर ट्रेनें रोकी गईं। कई ट्रेनें घंटों देर से चलीं। विदर्भ भर में 90 हजार आटोरिक्शा बंद रहे।व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहने से लगभग 300 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान व्यक्त किया गया है।
नागपुर में सुबह ही विदर्भवादियों ने जिलाधीश, पुलिस आयुक्त और विभागीय आयुक्त कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया। नागपुर महानगर पालिका में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। हड़ताल आमतौर पर शांतिपूर्ण रही। हालांकि इस दौरान पुलिस ने पूर्व राज्य मंत्री सुलेखा कुंभारे सहित नागपुर में 248 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बाद में रिहा कर दिया।
अमरावती जिले में भी बंद पूरी तरह सफल रहा। नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले में हड़ताल को अभूतपूर्व प्रतिसाद मिलने की खबर है। इतना ही नहीं यह आह्वान भी किया गया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे स्वयं सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पृथक विदर्भ की सिफारिश करें। नागपुर शहर के लगभग 125 संगठनों ने इस हड़ताल को समर्थन दिया। बैंक शुरू रहे। कुछ शासकीय कार्यालय भी शुरू रहे परन्तु उसमें उपस्थिति नाममात्र की रही। स्टार बस सेवा पूरी तरह ठप रही। आटोरिक्शा और स्टार बस बंद होने से शहर की अंतर्गत परिवहन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। निजी कार्यालय पूरी तरह बंद रहे। बुधवार को हमेशा भीड़-भाड़ से भरी रहने वाली इतवारी, सदर, सीताबर्डी, महल, गांधीबाग आदि हिस्सों की गलियां और सड़कें सूनसान रहीं। प्रदर्शनकारियों ने सुरेन्द्र नगर में एक पेट्रोल पम्प पर पथराव कर पेट्रोल पम्प की एक मशीन को तोड़ दिया। रविभवन में एक दो पहिया वाहन काइनेटिक होंडा जला दी गयी। कई स्थानों पर टायर भी जलाकर विदर्भ के लिए आवाज बुलंद की गई। पृथक विदर्भ के लिए नेताओं ने विदर्भ के अलग-अलग जिलों की कमान संभाली। जिसमें सांसद विलास मुत्तेमवार ने नागपुर, सांसद दत्ता मेघे ने वर्धा, विदर्भवीर जाम्बुवंतराव धोटे ने यवतमाल, सांसद हंसराज अहीर ने चंद्रपुर, विधायक नाना पटोले ने भंडारा, गोंदिया में खुशाल बोपचे आदि के नेतृत्व में शांतिपूर्वक ढंग से आंदोलन किया गया। भारतीय जनता पार्टी ने विधायक देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हड़ताल को समर्थन दिया।
नागपुर के शहर पुलिस ने भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना रोकने के लिए तगड़ा बंदोबस्त लगा रखा था। शहर पुलिस आयुक्त प्रवीण दीक्षित के नेतृत्व में शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ नजर आई। शहर में एसआरपीएफ की 5 कंपनियां भी तैनात की गई थीं। प्रतापनगर थानांतर्गत सुरेन्द्र नगर में गजभिये के इंडियन ऑइल पेट्रोल पम्प पर कुछ लोगों ने पथराव किया जिससे एक मशीन क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण मीटर बंद हो गया।
रोकी गई ट्रेनें सुबह करीब 9.30 बजे विदर्भ राज्य संग्राम समिति की महिला आघाडी की रूपाताई कुलकर्णी के नेतृत्व में एक टे्रन को मंगलवारी सदर परिसर में रोकने की योजना बनाई गई लेकिन इस टे्रन को पुलिस ने पहले ही आउटर पर जरीपटका क्षेत्र में रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने 10.15 बजे तक प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी। जीआरपी के पुलिस अधीक्षक सिंघल ने बताया कि आंदोलनकारियों ने नागपुर जिले में जरीपटका सहित 9 स्थानों पर रेल रोको आंदोलन किए। जरीपटका इलाके में एक ट्रेन को पुलिस ने पहले ही रोक कर आंदोलनकारियों को टे्रन के पास पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारी मंगलवारी सदर इलाके में ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार मुंबई-गोंदिया पैसेंजर (विदर्भ एक्सप्रेस) टे्रन को मालखेड़-चांदूर के पास 11 मिनट तक रोके रखा गया। बल्लारशा-काजीपेठ पैसेंजर को बल्लारशा में लगभग आधे घंटे तक रोका गया। नागपुर-नागभीड़ पैसेंजर को नागभीड़ में रोका गया। नरखेड़-दांडीमेटा में एक रेल इंजिन को रोका गया।
बसों पर पथराव कहीं-कहीं आंदोलनकारी कुछ उग्र नजर आए। नागपुर में टेलीफोन एक्सचेंज चौक, ग्रामीण क्षेत्र के कुही मंडल तथा कुछ निजी बसों पर पथराव कर उन्हें नुकसान पहुंचाया गया। हालांकि इस पथराव में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। एसटी महामंडल की 600 में से सिर्फ 200 बसें ही चल सकीं। जो चलीं वो भी कई घंटे देर से चलीं। 90 हजार आटो बंद रहे रोजमर्रा की जिन्दगी में आवागमन के लिए आटो सबसे महत्वपूर्ण साधन माने जाते हैं। लेकिन विदर्भ बंद के आंदोलन में आटो संगठनों ने भी अपना पूरा समर्थन दिया। विदर्भ में बुधवार को लगभग 90 हजार आटो बंद रहे। आटो के बंद रहने से रोजाना आटो से आवागमन करने वाले नागरिकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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शीतकालीन अधिवेशन नहीं होने देंगे : मुत्तेमवार
लग विदर्भ राज्य की मांग को लेकर शहर में जगह-जगह राजनीतिक दलों सहित आम जनता ने भी जमकर प्रदर्शन किया। विदर्भ राज्य की मांग की अगुआई कर रहे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विलास मुत्तेमवार ने इस हड़ताल को शतप्रतिशत सफल बताया। नाग-विदर्भ चेंबर आफ कामर्स में व्यापारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विधान मंडल के पिछले शीतकालीन अधिवेशन के समापन अवसर पर ही मैंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बता दिया था कि महाराष्ट्र विधान मंडल का नागपुर में यह आखिरी शीतसत्र है। सन 2010 में यहां विदर्भ राज्य की गठित सरकार और जनप्रतिनिधियों का अधिवेशन होगा। इस अवसर पर चेंबर के अध्यक्ष हेमंत खुंगर, प्रकाश वाधवानी, बी.सी. भरतिया सहित कई व्यवसायी उपस्थित थे। उन्होंने चेतावनी दी कि अब विदर्भ विरोधी नेताओं को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हम अहिंसा के मार्ग पर चलकर अलग विदर्भ राज्य की मांग कर रहे हैं। समूचे विदर्भ मेंं सभी राजनीतिक दलों सहित जनता भी शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन कर रही है। जो लोग हिंसा का मार्ग अपनायेंगे उनके साथ विदर्भ राज्य संग्राम समिति का कोई नाता नहीं होगा। विदर्भ के सभी 11 जिलों में अलग विदर्भ की मांग को लेकर सारे स्कूल, कॉलेज, व्यापारी प्रतिष्ठान बंद रखे गये हैं। विदर्भ की जनता का विशेष रूप से आभार मानते हुये विलास मुत्तेमवार ने कहा कि विदर्भ राज्य की मांग हेतु मैंने पहले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी, अहमद पटेल सहित कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को ज्ञापन दिया है। उन्होंने इस मांग को जायज ठहराते हुये इसका अध्ययन करने हेतु एक समिति का गठन किया है। अब इस मामले पर जल्द निर्णय लेने का वक्त आ गया है। भारतीय जनता पार्टी सहित अनेक राजनीतिक दल भी हमारा साथ दे रहे हैं। अब अलग विदर्भ राज्य जनता की आवाज बन चुकी है। इस बार के विदर्भ बंद को विशेष रूप से जनता का समर्थन प्राप्त होने से यह चिंगारी अब ज्वालामुखी का रूप धारण कर चुकी है जिसे बुझाना अब नामुमकिन हो गया है।
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जरूरत नहीं नक्सलियों के मदद की जनता हमारे साथ हैं - पुरोहित : पृथक विदर्भ के लिए भाजपा द्वारा किया गया आंदोलन सफल होने का दावा कर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद बनवारीलाल पुरोहित ने स्पष्ट किया कि नक्सलियों की मदद वे कभी भी नहीं लेना चाहेंगे। क्योंकि पृथक विदर्भ के लिए जनता ने विदर्भवादियों का खुलकर साथ दिया। जनता के रहते नक्सलियों की मदद की जरूरत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर नक्सलवाद के खिलाफ पहले से ही नीति निर्धारित है। इसलिए महाराष्ट्र स्तर पर उसे बदलने की आवश्यकता नहीं है। और हम उस नीति पर ही चलना चाहेंगे। कभी भी उनकी मदद पार्टी को गंवारा नहीं होगी। चाहे मुद्दा कोई भी हो।
पुरोहित ने बताया कि जांबुवंतराव धोटे व प्रकाश आम्बेडकर की नक्सलियों की मदद लेने की व्यक्तिगत राय है। वह विदर्भ संग्राम परिषद का यह निर्णय नहीं है। भाजपा परिषद का राष्ट्रीय स्तर का घटक दल है। और वह एकमात्र दल है। जिसके आंदोलन से राष्ट्रीय स्तर दबाव बनेगा। नितिन गडकरी विदर्भ के होने से भी राष्ट्रीय स्तर पर पृथक विदर्भ के मुद्दे को बल मिला है। इसके लिए हमें किसी प्रकार के आरक्षण मांगने की जरूरत नहीं पड़ी। हालांकि भुवनेश्वर में भाजपा की कार्यकारिणी की एक हुई एक सभा में पृथक विदर्भ का प्रस्ताव पारित किया गया था। भाजपा का यह प्रमुख आश्वासन रहा है। जिसके मद्देनजर भाजपा पृथक विदर्भ के लिए लड़ रही है। यह आरपार की लड़ाई है। विदर्भ में सभी जगह भाजपा कार्यकर्ता नेता पदाधिकारी, सांसद- विधायकों नेता सहित जनता ने बंद को सफल कराया। जनता पुरे जोहा के साथ शामिल हुई।
कांग्रेस पर अप्रत्यक्षरूप से वार कर पुरोहित ने कहा कि विदर्भ के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर केवल भाजपा ही आगे है। वर्ष 1979 मेें महाराष्ट्र विधिमंडळ में अशासकीय प्रस्ताव के तहत पृथक विदर्भ का मुद्दा चर्चा के लिए रखा था। तीन घंटे तक इसपर बहस हुई थी।
भाजपा विदर्भ राज्य का विकास प्रारुप बना रही है। चार सदस्यीय समिति अध्ययन कर विदर्भ प्राकृतिक अप्राकृतिक संसाधनों का लिखा जोखा जनता के समक्ष रखेगी। और जनजागरण के माध्यम से पृथक विदर्भ को अधिक व्यापक रुप देने का प्रयास करेगी। यह जानकारी देते दुर पुरोहित ने कांग्रेस राकांपा की ओर अंगुली निर्देश करते हुए बताया कि पश्चिम महाराष्ट्र हो या मराठवाड़ा या अन्य महाराष्ट्र के इलाके सभी जगहों से भाजपा के नेता व जनता का पृथक विदर्भ को भरपूर समर्थन है।
भाजपा के विदर्भ कार्यालय में आयोजित पत्रपरिषद में पुरोहित बोल रहे थे। उनके साथ भाजपा विधायक देवेंद्र फडणवीस, सुधाकर देशमुख, महापौर अर्चना डेहनकर अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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