शुक्रवार, दिसंबर 11, 2009
मेलघाट में मौत का मंजर : सरकार ने कहा सीआडी करेगी जांच
संजय स्वदेश
महाराष्ट्र का अमरावती जिले का मेलघाट है। सतपुड़ा पर्वतमाला की पश्चिमी वादियों में मेलघाट देश भर में कोरकू जनजाति और टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है। पर कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में कुपोषण की काली छाया पड़ गई है।
लिहाजा, यहां मौत का मंजर दिखता है। कुपोषण से नन्हे शिशुओं की मौत की कीमत पर यहां का स्वास्थ्य महकमा मौज कर रहा है। हर साल मरने वाले सैकड़ों शिशुओं की मौत जिम्मेदारी किसकी है? इसका को कोई सवाल उठाता है और न ही जवाब देने वाला है। जब जब कुपोषण से मासूम शिशुओं के अकाल मौत के गाल में समाने की खबरे मीडिया में आई तो सरकारी महकमा। थोड़ी-देर के लिए सचेत हो जाता है। पौष्टिक व अन्य दवाओं के वितरण का दावा किया जाता है। सरकार के स्थानीय स्वास्थ्य कार्यों के आंकड़ों जारी होते हैं। पर परिणाम सकारात्मक नहीं निकलता है। पिछले साल सरकार ने कुपोषण से होने वाली बाल मृत्य दर को रोकने और प्रसव के दौरान आवश्यक उपकरणों के लिए खरीदने के लिए डिस्पोजेबल डिलेव्हरी किट्स में का प्रस्ताव मंजूर किया। पर सामग्री खरीदने के जिम्मेदार सरकारीकर्मी कम कीमत और हल्की क्वालिटी के किट्स खरीदकर करोड़ों डकार गए। इसे साबित करने के लिए किसी दस्ताबेज की जरूरत नहीं है। नागपुर में चल रहे राज्य विधानमंडल के शीतसत्र में शुक्रवार को राज्य के लोक स्वास्थ व परिवार कल्याण मंत्री सुरेश शेट्टी ने यह स्वीकार किया कि सामग्री खरीदने में अनियमितता हुई है। खरीदे गए उपकरणों की क्वालिटी से वे स्वयं संतुष्ठ नहीं हैं। लिहाजा, इस मामले में सीआईडी से जांच कराने की घोषणा कर दी। तो गृहमंत्री आर.आर. पाटील ने जांच की जिम्मेदारी डीआईजी स्तर के अधिकारी को देने की घोषणा कर दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री ने झटपट यह भी घोषणा कर दी कि सीआईडी इस रिपोर्ट को अगले अधिवेशन से पूर्व तक सरकार को सौंप देगी। स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को आश्वान दिया कि जांच रिपोर्ट में दोषियों पर तुरंत कार्यवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया जाएगा। मामला यही रफा-दफा हो गया। पर इस क्षेत्र में चालू वित्तिय वर्ष से अक्टूबर तक मेलघाट 349 बच्चे कुपोषण के कारण काल की भेंट चढ़ गए। जब कि इन बच्चों को बचाने के लिए सरकार ने महंगे दामों पर 25 हजार किट्स खरीदे थे।
बॉक्स में
वर्ष 2007-08 के दौरान 3 और 4 श्रेणी के कुल 727 बच्चे के कुपोषण से ग्रस्त होने के मामले प्रकाश में आए थे। इसमें 467 बच्चे मरे। वर्ष 2008-09 में इस श्रेणी के कुल 578 बच्चे कुपोषित हुए, जिसमें से 467 बच्चों की मौत हुई। वर्तमान वित्तिय वर्ष में अक्टूबर तक कुल 587 बच्चों के कुपोषित होने के मामले प्रकाश में आए हैं, जिसमें 349 बच्चे मौत के मुंह में समा गए।
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टाईगर रिजर्ब की हकीकत का खुलासा करने वाली विस्फोट डॉट कॉम पर शिरीष खरे का एक आलेख गत वर्ष 19 दिसंबर का प्रकाशित हुआ था। पर टाईगर रिजर्ब क्षेत्र की एक हकीकत की जानकारी हुई थी। http://www.visfot.com/index.php/jan_jeevan/575.html
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1 टिप्पणी:
melghat me sarkar ki laprawahi kai salo se chal aa rahi hain. Cid jach se kuch nahi hoga. esase v bade gotale karne walo ka kuch nahi huwa to melghat me delevery kit ke lakho ka chuna lagane walo ka kaya hoga.
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