नवभारत टाइम्स
नई दिल्ली।। अनुसूचित जाति व जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय महासंघ के अध्यक्ष उदित राज ने कहा है कि कर्न
ाटक के चीफ जस्टिस दिनाकरन के खिलाफ महाभियोग चलाने का अभियान इसलिए शुरू किया गया है क्योंकि वह दलित ईसाई हैं। उदित राज ने कहा कि हम भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करेंगे लेकिन इसी आधार पर अन्य हाई कोर्टों के जजों के खिलाफ महाभियोग क्यों नहीं चलाया गया जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि अन्य आरोपी जजों के खिलाफ इसी तरह की चिंता क्यों नहीं दिखाई गई। उन्होंने कहा कि इस बारे में बीजेपी के सांसद जरूरत से अधिक चिंता दिखा रहे हैं जिससे उनकी मानसिकता का पता लगता है।
डा. उदित राज ने मिसाल दे कर बताया कि कोलकाता हाई कोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग का मामला चलाने की सिफारिश की गई और इसे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मंजूरी दे दी लेकिन इसके बावजूद महाभियोग नहीं चलाया गया। इसी तरह गाजियाबाद प्रविडेंट फंड मामले में कई जजों के शामिल होने की बात उजागर हुई और इनमें एक जज फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के जज बन चुके हैं लेकिन इनके खिलाफ महाभियोग जैसी बात नहीं की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह एक और जज ने अपना झूठा जन्म प्रमाण पत्र जमा किया और अपने प्रभावों का इस्तेमाल कर एक रुपये गज की दर से प्लाट ग्वलियर में आवंटित करवा लिया। इसी तरह चंडीगढ़ की एक जज के निवास पर 15 लाख रुपये नकद पाए गए। लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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