नागपुर। भारतीय जनता पार्टी के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नितिन गडकरी की ताजपोशी के बाद पार्टी के पुराने दिग्गज गोविंदाचार्य, उमा भारती और कल्याण सिंह को घर वापसी की संभावनाएं बढ़ गई है। इसको लेकर श्री गडकरी ने रविवार को ही नागपुर आगमन पर पत्रकारों को संकेत देते हुए कहा था पार्टी की मजबूती के लिए पुराने दिग्गज नेताओं को वापस पार्टी में शामिल कर लिया जाएगा। लेकिन साथ ही शर्त रखी कि यदि वे अपने पिछले किए को सार्वजनिक रूप से मांफी मांगे तब ही पार्टी में वापसी संभव होगी।

गत दिनों नागपुर में संपन्न संघ की बैठक में आरएसएस प्रमुख नये साल में नये पार्टी अध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा का कायाकल्प करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए पार्टी से बाहर गए आरएसएस के पुराने कैडर के नेताओं को भी जोडऩे की नीति पर सहमती बनाई गई। सूत्रों का कहना है कि सरसंघचालक के निर्देश पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ गोविन्दाचार्य की एक गुप्त बैठक पहले ही संपन्न हो चुकी है।
पुराने दिग्गजों के पार्टी में वापसी के नीति के मद्दे नजर ही भाजपा के नये अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रविवार को यह संकेत दिया कि पार्टी छोड़ कर जाने वाले पुराने दिग्गज घर लौंटे। श्री गडकरी का कहना है कि इनमें से हर एक नेता ने संगठन के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसलिए उनकी पार्टी में वापस लाने का विचार होता है तो यह कोई गलत नहीं है। हालांकि गडकरी यह भी कहते हैं कि इन नेताओं की पार्टी में वापसी इतनी आसान नहीं होगी। अगर ये नेता अपने किये पर पछतावा करते हैं तथा हमारे सभी राज्यों के भाजपा प्रमुख इस पर सहमति जताते हैं तो हम जरूर इन नेताओं को भाजपा में वापस लाएंगे। ज्ञात हो कि नितिन गड़करी का यह बयान संघ की पूर्व निर्धारित नीति का ही एक हिस्सा है। फिलहाल उमा भारती भारतीय जनशक्ति पार्टी बनाकर काम कर रही हैं जबकि गोविन्दाचार्य विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से जुड़े हैं और कल्याण सिंह ने भी सपा छोडऩे के बाद अपनी अलग पार्टी का ऐलान किया है। पर राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में आने के लिए इन तीनों प्रमुख नेताओं की राह अकेले पार होते नहीं दिख रही है।
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