मंगलवार, नवंबर 10, 2009

बाप की गलती क्या सुधारेग अबू आजमी : डा. तोगडिय़ा


संजय स्वदेश
नागपुर। महाराष्ट्र विधानसभा में हिंदी में शपथ ग्रहण को लेकर सोमवार को हो हल्ला हो, रहा है। उसमें चारों ओर राज ठाकरे की बुराई हो रही है। लेकिन इसी बीच विश्व हिंदू परिष के अंतरराष्ट्रीय महासचिव डा। प्रवीण तोगडिय़ां ने यह कह कर अबू आजमी पर धावा बोल दिया है कि हिंदू को लेकर जो गलती अबू आजमी के बाप ने किया उसे सुधारने का काम अबू न करें। एक जमाने में अबू आजमी के बाप ने उत्तर प्रदेश में हिंदी का विरोध कर उर्दू का समर्थन किया था। कल तक जो हिंदी भाषा का विरोध कर उर्दू के समर्थन में लड़ रहा था, उसे हिंदी भाषा का समर्थन करने का कोई अधिकार नहीं।


नागपुर के तिलक पत्रकार भवन में आयोजित एक प्रेस कांन्फ्रेंस में डा. तोगडिय़ों ने कहा कि अबू आजमी मराठियों और हिंदुओं के बीच वैमनस्य फैला रहे हैं। किसी भी समुदाय को अबू आजमी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। हम हिंदी-मराठी मसला आपस में हल कर लेंगे। मैं उर्दू भाषा का हिमायती नहीं हंू। बाकी सभी भाषाओं का मैं दिल से आदर करता हूॅँ। हिंदी भाषा को शस्त्र बनाकर राजनीति की रोटी सेंकने का काम अबू आजमी कर रहे हैं। राज ठाकरे सही हैं या गलत? इस पर डा. तोगडिय़ा ने कुछ भी कहने से इनकार किया। दलाई लामा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि तिब्बत को अलग राष्ट्र बना देना चाहिए ताकि चीन का सारा फोकस उधर चला जाए। चीन को सबक सिखाने के बारे में हम सरकार पर दबाव बनाएंगे।डा. तोगडिय़ा ने कहा कि राष्ट्रगान 'जन-गण-मनÓ तथा राष्ट्रगीत वंदे मातरम् दोनों का अपमान राष्ट्रद्रोह है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद देवबंद के उलेमाओं ने वंदे मातरम् पर फतवा जारी कर देशद्रोही होने का प्रमाण दिया है। देवबंद समुदाय इस तरह के फतवे से आतंकियों के हांैसले बुलंद कर रहा है। इसमें शामिल सभी उलेमाओं, मौलवियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। अगर सरकार इन पर कार्रवाई नहीं करती तो हम जनता से आह्वान करेंगे कि वे ऐसे लोगों को देश से खदेड़ दें। डा. तोगडिय़ा ने कहा कि भारत में मुगलों का विरोध शिवाजी भोसले ने किया। दारूल उल देवबंद के उलेमाओं ने पाकिस्तान के ५०० मदरसों में आतंकियों को प्रशिक्षित कर तालिबान को जन्म दिया। कंधार हाईजेक में शामिल अजहर मसूद भी देवबंद से संबंधित है। भारत की भूमि पर ऐसे लोगों को एक दिन भी रहने का अधिकार नहीं है। हम सरकार पर दवाब बनाकर उलेमाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। एक सवाल के जवाब में डा. तोगडिय़ा ने कहा कि मैं गृह मंत्री पी. चिदंबरम का पक्ष नहीं लूंगा। जिस समय फतवा जारी हुआ उस समय वे वहां मौजूद नहीं थे।

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