शुक्रवार, नवंबर 27, 2009

हर दिन 3 किसान मौत को गले लगता है


विदर्भ में हर दिन 3 किसान मौत को गले लगा रहा है
श्रद्धांजलि सभा की शोरगुल में दब गई किसानों की आत्महत्या की खबर
48 घंटे में 6 किसानों ने आत्महत्या की।
विदर्भ में इस साल अब तक 892 आत्महत्याएं,

संजय स्वदेश
नागपुर। गत दो दिन 26/11 की श्रद्धांजलि सभा की धूम रही। इसी बीच विदर्भ के 6 किसानों ने आत्महत्या कर ली। श्रद्धांजलि सभा के खबरों के बीच ये खबर दब गईं। विदर्भ में किसानों की आत्महत्या के मामलों में अचानक तेजी आई है। पता नहीं इससे सरकार सकते में है या नहीं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इन दिनों औसतन 3 दु:खी किसान प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं। अपेक्षानुसार पैदावार न होने और पैदावार का उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान ऐसे कदम उठाने को मजबूर हुए हैं। पिछले 48 घंटों में विदर्भ में 6 किसानों ने आत्महत्या की। इनमें 3 यवतमाल, 2 बुलढाना और एक अकोला जिले का किसान शामिल है। इनमें से एक यवतमाल जिले के सखी ग्राम के 25 वर्षीय मारुति नेताम ने तब यह कठोर कदम उठाया जब उसे पता चला कि उसकी 21 वर्षीय पत्नी वर्षा के पेट में दो माह का गर्भ है। पहले से ही भारी कृषि कर्ज, फसल की बर्बादी और कपास का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण परेशान मारुति परिवार में वृद्धि के लिए तैयार नहीं था।जब गुरुवार की सुबह पोस्टमार्टम के पश्चात मारुति का शव गांव में लाया गया तब का दृश्य बहुत ही मार्मिक था। वर्षा तीन बार बेहोश हुई। वह बार-बार बोल रही थी कि ऐसा कदम उठाने के पूर्व मारुति ने उसका, परिवार के अन्य सदस्यों और होने वाली संतान के विषय में क्यों नहीं सोचा। वणी तहसील के अंतर्गत वीराबाई ग्राम की आदिवासी लड़की वर्षा का मारुति के साथ इसी वर्ष मई माह में विवाह हुआ था। वर्षा ने संवाददाता को बताया कि पानी की कमी के कारण कपास की फसल के चौपट हो जाने से मारुति बहुत परेशान था। उसने डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक से 40,000 रुपए कर्ज लिए थे। इतनी ही राशि खेती के लिए एक महाजन से भी ली थी। किंतु अपने 11 एकड़ की खेती से सिर्फ 5 क्विंटल कच्चा कपास ही मिल पाया। वर्षा ने कहा कि इससे मारुति टूट चुका था। चूंकि उस कच्चे कपास को बेचकर सिर्फ 14 हजार रुपए ही मिले थे, मारुति पिछले 2 दिनों से बेचैन था। उसने बुधवार की दोपहर को कीटनाशक पी लिया। यवतमाल के जिलाधीश संजय देशमुख ने स्वीकार किया कि गुरुवार को जिले में किसान के आत्महत्या की खबर मिली थी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को जांच आदेश दे दिए गए हैं। इन 6 किसानों की आत्महत्या के साथ विदर्भ में इस माह किसान आत्महत्या की संख्या 55 पर पहुंच गई है। पिछले माह यह संख्या 54 थी। विदर्भ जनांदोलन समिति के अध्यक्ष किशोर तिवारी के अनुसार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक 892 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।

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