सरकार और मनपा चाहे तो नागपुर में सस्ता हो सकता है पेट्रोल
विशेष संवाददाता
नागपुर। पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य वृद्धि के खिलाफ विरोध और सरकार को निंदा करने का सिलसिला जारी है। लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय निकाय (मनपा) चाहे तो नागपुर समेत राज्य भर में जनता को पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से राहत मिल सकता है। पेट्रोलियम पदार्थ की कीमत बढऩे को क्रोध का टिकरा जनता केंद्र सरकार पर फोड़ रही है, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 26 प्रतिशत का वैल्य एडेड टैक्स (वैट) लगा कर एक मोटी रकम अपनी तिजोरी में भर रही है। वहीं महानगर पालिका भी इससे कमाई करने में पीछे नहीं है। नागपुर महानगरपालिका ने तो पेट्रोल पर 4.5 प्रतिशत की दर से चुंगी कर लगा रखा है। यही हाल डीजल का भी है। राज्य सरकार डीजल पर 30 प्रतिशत का वैट कर वसूलती है। पेट्रोलियम व्यावसायी सूत्रों की मानें तो नागपुर में आने वाला पेट 30 रुपये प्रति लिटर होता है। लेकिन इसमें लगने वाले विभिन्न करों और डीलरों के कमिशन से इसकी दर बढ़ कर 50 रुपये प्रति लिटर से भी ज्यादा हो जाती है। ज्ञात हो कि नागपुर में पेट्रोल बेंगलोर के बाद सबसे ज्यादा महंगा है। तेल व्यावसायियों का कहना है कि यदि पेट्रोल से टैक्स हटा दिया जाए तो जनता को पूरी राहत मिलेगी। वर्ष 2009 में जब कू्रड के दर कम हुए थे तब अमेरिकी बाजार में पेट्रोल की औसत कीमत 16.92 रुपये प्रति लिटर था। वहीं भारत में यह कीमत 48.24 रुपये प्रति लिटर था।
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