संजय स्वदेश
गत वर्ष महाराष्ट्र राज्य विधानसभा में भाजपा को करारी मात देने वाली कांग्रेस अब आगामी बिहार चुनावों में सत्तारुढ़ गढ़बंधन को करारी शिकस्त देने की योजना में है। मजेदार बात यह है कि जिस महाराष्ट्र में 'बिहारी माणुषÓ को प्रांतवाद के नाम पर प्रताडि़त किया गया, उसी प्रदेश के स्थानीय नेता बिहार की राजनीति में कांग्रेस के खोया जनाधार जुटाएंगे। मतलब, आगामी बिहार चुनावों में कांग्रेस के लिए मराठी मानुष बिहारियों का दिल जीतने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस आलाकमान ने रामटेक के सांसद और केंद्रीय समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकूल वासनिक को बिहार का प्रभारी और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य संजय दत्त को चुनाव 'वार रूमÓ का मुख्य समन्वयक बनाया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के दर्जन भर से ज्यादा नेताओं को बिहार चुनाव के लिए जिल पर्यवेक्षक बनाया गया है। खबर है कि इस बार बिहार चुनाव में कांग्रेस स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरेगी। सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में मुकूल वासनिक के नेतृत्व में बिहार चुनाव को लेकर बैठक हो चुकी है। बैठम में बिहार के 39 जिलों में से 7 जिलों का चुनाव पर्यवेक्षक महाराष्ट्र के नेताओं को बनाया गया है। इसमें पूर्व केंद्रीयमंत्री सुबोध मोहित को रोहतास जिला, विधायक सुनील केदार को किशनगंज, विधायक राजेंद्र मुलक को कटिहार, हुसैन दलावाई को पुर्णिया, मोहन जोशी को बक्सर, पूर्व सांसद हरि राठौड़ को अररिया और रंजन भोंसले को गया जिले का चुनाव पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसके अलावा राजस्थान के करीब डेढ़ दर्जन नेता भी बिहार चुनावों में पर्यवेक्षक की भूमिका में होंगे।
ज्ञात हो कि पहले बिहार में कांग्रेस का प्रभार सिख दंगों के दांगी नेता जगदीश टाइटलकर को दिया गया था। लेकिन अब उनसे यह प्रभार लेकर मुकूल वासिनक को दे दिया गया है। वासनिक को बिहार चुनाव में कांग्रेस के खोये जनाधार को वापस लाने के लिए पूरी आजादी भी दे दी गई है। मतलब बिहार चुनाव के दौरान कांग्रेस के हर निर्णय में अब मुकूल वासनिक की खूब चलेगी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान मुकूल वासनिक ने ही प्रभार संभाला था। उन्होंने अपनी कुशल रणनीति से कांग्रेस को सत्ता में वापसी कराई। इसलिए वे कांग्रेस अलाकमान के विश्वासपात्र हो गये। कांग्रेस ने टाइटलगर की जगह बिहार में इन्हें मौका देना उचित समझा है।
मंगलवार, जून 15, 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें