मंगलवार, जून 01, 2010
जातिय कौशल की बात छूट रही है
जातिय आधारित जनगणना के बहस में जातिय कौशल की बात छूट रही है। प्रबुद्ध लोगों को जातिय आधारित औद्योगिक व्यवस्था पर ईमानदारी से चिंतन कर इसके पक्ष-विपक्ष में बोलना चाहिए। जहां तक मैं समझता हूं तो जाति आधारित जनगणना से न जाति का प्रसार होगा और न ही खत्म होगी। सच्चाई का पता चलेगा। किसकी संख्या कितनी है, यह जानने में बुराई ही क्या है। यदि जाति आधारित जनगणना नहीं भी होती है तो भी अपने-अपने क्षेत्र के जातिय गणना कर चुनाव में नेता अपनी रणनीति बनाते हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें