बुधवार, जून 23, 2010

हाथ से निकल गई है कश्मीर की समस्या


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पत्रकार रविन्द्र दाणी की पुस्तक 'मिशन कश्मीरÓ का विमोचित

संजय स्वदेश
नागपुर।
आज कश्मीर की स्थिति हाथ से निकल चुकी है। चीन ने भी भारत में अतिक्रमण शुरू कर दिया है। इसमें मासूम जनता बेवजह पीस रही है। कुछ दिनों बाद असाम व तिब्बत के हालात भी ऐसे ही हो जाएंगे। यह कहना है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का। वे कश्मीर समस्या से संबंधित विविध पहलुओं पर पत्रकार रविंद्र दाणी की पुस्तक 'मिशन कश्मीरÓ के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। सिविल लाइन्स स्थित डा. वसंतराव देशपांडे सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक का विमोचन सरसंघचालक मोहन भागवत के हाथों हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षत गंजू हेमटोलाजी ने की। प्रमुख अतिथि के रूप में कश्मीर के पूर्व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एस.के. सिन्हा उपस्थित थे। गड़करी ने कहा कि भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद मुझे पहली बार कश्मीर जाने का मौका मिला। कश्मीर के जनता के विचार के काफी अलग है। आजकल हमारे देश के सभी निर्णय दिल्ली में होते हैं, वह भी अमेरिकी दवाब में। देश की बाह्य व आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कहा कि देश को इन बड़ी चुनौतियों से लडऩा है। गडकरी ने पुस्तक पर चर्चा करते हुए कहा कि इसमें कश्मीर के विविध मुद्दों को शामिल किया है। इस किताब को सभी पढ़े। उन्होंने रविंद्र दाणी का अभिनंदन किया।

हर व्यक्ति से जुड़ा है कश्मीर : भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि कश्मीर की समस्या देश के प्रत्येक नागरिक से जुड़ी हुई है ना कि किसी पार्टी या किसी व्यक्ति विशेष से। इस पर हर किसी को विचार करना चाहिए। कश्मीर पर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं। नागपुर में इसके बारे में कई कार्यक्रम हुए। कश्मीर में 60 साल के सत्य की प्रतिक्षा चल रही है। परंतु परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। यह सवाल देश की एकता अखंडता से जुड़ा हुआ है। कश्मीर भारत का ही एक हिस्सा है, इसे ऐसे ही तो किसी को नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी हो जिससे हर मासूम अपने गांव में निर्भय से रह सके। पुस्तक के प्रकाशन के अवसर पर कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एस. के. सिन्हा ने कश्मीर में हुए विविध युद्धों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का एक अटूट अंग है। कश्मीर की समस्या का समाधान कठोर निर्णय से ही संभव है।
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