सोमवार, जून 28, 2010

भाई की जिंदगी के लिए बेचती रही जिस्म

फरार मीना की तलाश जारी
नागपुर।
गत शनिवार को शहर की बदनाम गली में 15 लड़कियों के साथ पकड़ी गई खुशबू (परिवर्तित नाम) अपने भाई रोहित की जिन्दगी बचाने के लिए नागपुर में 8 महीने से गंगा जमुना की कश्मीरी गली में जिस्म फरोशी का काम कर रही है। पकड़े जाने के बाद यह रहस्य खुशबू ने उजागर किया कि उसका छोटा भाई रोहित इन लोंगो (धंधा कराने वाले) के चंगुल में था। उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। अगर वह उनका कहना नहीं मानती तो वह अपना भाई हमेशा के लिए खो देती। खुशबू के माता-पिता पहले ही मर चुके हैं। खुशबू को मुंबई से लेने पुलिस के साथ उसका मौसा आया था। खुशबू का छोटा भाई रोहित भी अपने मौसा के साथ नागपुर आया। रोहित को दिल्ली में मीनाबाई के भाई के घर रखा गया था। मीनाबाई सतीश कर्मावत (40)कश्मीरी गली का एक ऐसा नाम हैं जहां गरीब मजबूर लड़कियों को खरीदकर उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनसे जिस्म फरोशी का धंधा कराया जाता है। मीनाबाई मूलत: आगरा की पिपरेटा खेडागर की रहने वाली है। मीना के साथ पुलिस ने अनारकली, कृष्णा, मुन्नीबाई टिकाराम कालफोर, रुखसाना, कश्मीरी बाई, आशा बाई, स्नेहल बुद्धम राऊत ने खुशबू को जबरन धंधे में उतारा था। पुलिस मीनाबाई के एक भाई की तलाश में आगरा भी गई थी। लेकिन वह वहां नहीं मिला।
मीनाबाई के घर से नागपुर क्राइम ब्रांच और लकडग़ंज पुलिस ने संयुक्त रुप से कार्रवाई कर लड़कियों को पकड़ा। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान ग्राहक शैलेष मिलिन्द मेश्राम, आदाम इसा खान वर्धा तथा राकेश यादवराव राऊत को गिरफ्तार किया है।
मीनाबाई के घर से मिली लड़कियों में कई कम उम्र की लड़कियां भी हैं। मीनाबाई के पास खूशबू 8 महीने से है। पुलिस सूत्रों के अनुसार देह व्यापार का धंधा इतनी गहराई तक पैठ जमा चुका है कि एक धंधे वाला दूसरे धंधे वाले के पास अपनी लड़कियों को भेजता है और उसकी लड़कियों को अपने पास रखता है। इससे ग्राहकों को हर बार नई लड़की आई है का झांसा दिया जाता है। ग्राहक भी दलालों के झांसे में आ जाते हंै। नागपुर की गंगा जमुना में छापा मार कार्रवाई के दौरान खुशबू जब पुलिस के हाथ लगी तो एक ुपुलिसकर्मियों को उसने अपनी कहानी बताई कि उसे इस धंधे मेंं आखिर किस तरह ढकेल दिया गया। उस पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खुशबू मूलत: मुंबई की रहने वाली हैं। उसके माता-पिता की मौत के बाद छोटे भाई की जिम्मेदारी उस पर आ गई। वह कुछ गलत लोगों के चंगुल में फंस गई। उन लोगों ने उसके छोटे भाई रोहित को अगवा कर नई दिल्ली भेज दिया। खुशबू को धमकी दी गई कि अगर वह धंधा नहीं करेगी तो उसके भाई को मार दिया जाएगा। वह मजबूर हो गई। 8 महीने पहले उसे नागपुर की मीनाबाई के पास भेजा गया। उसे यकीन दिलाने के लिए कि उसका भाई जिन्दा है। रोहित से खुशबू की बात कराई जाती थी। खुशबू के मौसा को जब यह बात पता चली कि वह नागपुर में मीनाबाई के पास है तो वह मुंबई अपराध शाखा पुलिस की मदद ली। मुंबई पुलिस ने अपराध शाखा नागपुर पुलिस के फोन पर जानकारी दी कि मुंबई से एक लड़की को अगवा कर जिस्म फरोशी के धंधे में लगाया गया है। खुशबू की पहचान के लिए उसका मौसा भी मुंह पर कपड़ा बांधकर नागपुर की बदनाम गली में पुलिस के साथ पहुंचा। मीनाबाई के देहव्यापार अड्डे पर जब नागपुर क्राइम ब्रांच ने लकडग़ंज पुलिस के साथ छापा मारा तो वहां पर खुशबू भी मिली। उसके मौसा ने उसे पहचान लिया। इस घटना की खबर मिलने पर रोहित को मीनाबाई ने पकड़े जाने के डर से आजाद कर दिया। रविवार को रोहित भी नागपुर पहुंचा। खबर लिखे जाने तक रोहित लकडग़ंज थाने में थानेदार मकेश्वर के समक्ष था। थानेदार मकेश्वर यह सच जानने की कोशिश कर रहे थे कि खुशबू ने जो आपबीती जो बताई उसमें कितना सच और कितना झूठ है।
- अभय यादव

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