केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख ने दागी तोप
नागपुर। लोकसभा एवं राज्य विधानसभा चुनावों में राज्यभर में कांग्रेस ने जहां अच्छी सफलता अर्जित कर केंद्र व राज्य में अपनी सरकार बनाई लेकिन इसके बावजूद हाल ही हुए मुंबई मनपा व नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इसके लिए सीधे तौर पर प्रदेशाध्यक्ष माणिकराव ठाकरे की ही जिम्मेदारी बनती है और कांग्रेस को इस हार पर चिंतन करना चाहिए। यह विचार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री विलासराव देशमुख ने व्यक्त किए। देशमुख ने साफ तौर पर माणिकराव को निशाना बनाते हुए उन्हें चुनाव में हार का जिम्मेदार बताया लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम नहीं लिया।
नागपुर के रविभवन में पत्रकारों के साथ चर्चा में देशमुख ने कहा कि मनपा व नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की हुई हार पर प्रदेश कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस कोई खास लाभ नहीं उठा पाई। इसमें कहीं न कहीं प्रदेश कांग्रेस की कमजोरी झलकती है। भाजपा विधायक देवेंद्र फडणवीस द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री आर.आर. पाटिल के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में देशमुख ने कहा कि फडणवीस जैसे युवा विधायक को इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप नहीं लगाने चाहिए। उनके आरोपों में कोई दम नहीं है। ऐसे सनसनीखेज आरोप तमाम तथ्य जुटाने के बाद ही लगाने चाहिए। उन्होंने अहमद पटेल का नाम भी बिना वजह उछाला है। यह मामला उठाकर फडणवीस ने सभागृह का समय खराब करने का ही कार्य किया है।
विदर्भ की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से विदर्भ को अच्छा पैसा मिला है। विदर्भ राज्य की प्रगति के लिए विदर्भ वैधानिक विकास महामंडल की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। विदर्भ को अभी और अधिक विकास की जरूरत है। विदर्भ राज्य के बारे में छेड़े जाने पर देशमुख ने कहा कि वे स्वयं संयुक्त महाराष्ट्र के समर्थक हैं। विदर्भ के अलावा मराठवाड़ा के साथ भी अन्याय हुआ है लेकिन केवल अन्याय हुआ इसलिए स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग करना गलत है। स्वतंत्र विदर्भ राज्य के बारे में लोगों की भावनाएं हो सकती हैं लेकिन अलग राज्य से ही विदर्भ की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। विलासराव ने कहा कि वे विदर्भ की जनता की भावनाओं का अनादर नहीं करना चाहते और अगर कांग्रेस आलाकमान विदर्भ राज्य के पक्ष में निर्णय लेता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है
प्रदेश कांग्रेस द्वारा चलाए गए सदस्यता अभियान को मिले कमजोर प्रतिसाद पर उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे का बचाव करते हुए कहा कि यह अकेले ठाकरे का काम नहीं है। इसके लिए अन्य कई कारण जिम्मेदारी हो सकते हैं। जिस पंजाब और तमिलनाडु में कांग्रेस की सरकार नहीं है वहां क्रमश: 35 और 75 लाख सदस्य बने हैं जबकि महाराष्ट्र में कांग्रेस की सत्ता होने के बावजूद यहां महज 18 लाख सदस्य ही बन पाए जो चिंता का विषय है।
नागपुर की गुटबाजी से मोघे निपटेंगे
यह पूछे जाने पर कि नागपुर कांग्रेस में गुटबाजी काफी वर्षों से जारी है, विलासराव देशमुख ने कहा कि इस गुटबाजी से निपटने की जिम्मेदारी पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे को सौंपी गई है। विलासराव ने स्वीकार किया कि इस गुटबाजी को दूर करने का प्रयास उन्होंने तब किया था जब वे राज्य के मुख्यमंत्री थे लेकिन इसमें उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। अब इस गुटबाजी को मोघे ही दूर कर सकते हैं।
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