नागपुर। बढ़ती गर्मी के साथ विदर्भ के जलाशयों का पानी सूखने लगा है। चार बड़े जलाशय सूख गए हैं। इससे जलसंकट गहराने की आशंका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया जिले के पुजारीटोला, कालीसरार, गढ़चिरोली जिले के दिना, वर्धा जिले का निम्र वर्धा में अब पानी नहीं बचा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तोतलाडोह में 2990 लाख घनमीटर पानी मौजूद है। पिछले सप्ताह यहां 3190 लाख घनमीटर पानी था। 200 लाख घनमीटर पानी कम हो गया। कामठी खैरी में अभी 650, रामटेक में 20, निम्र वना (नांद वडग़ांव) 60, इटियाडोह 730, सिरपुर 410, असोलमेंढा 20, बोर 440, धाम 180, पोथरा में 110 लाख घनमीटर पानी है। पिछले सप्ताह की तुलना में 17 प्रतिशत पानी कम हो गया है। नागपुर विभाग में मध्यम प्रकल्पों की संख्या 40 है। इसमें नागपुर जिले के 13 प्रकल्पों में 580 लाख घनमीटर पानी है। पिछले सप्ताह इन जलाशयों में 610 लाख घनमीटर पानी था। भंडारा के 4 जलाशयों में पानी नहीं लाख घनमीटर पानी है। इसी प्रकार चंद्रपुर जिले के 8 प्रकल्पों में 110, वर्धा जिले के 5 प्रकल्पों में 200 मिलाकर कुल 940 लाख घनमीटर पानी मौजूद है। पिछले सप्ताह इन जलाशयों में 990 लाख घनमीटर पानी था। नागपुर जिले के जलसंकट से निपटने के लिए 2 अप्रैल को पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे ने समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने जलसंकट से निपटने के उपाय करने के निर्देश दिए थे। जलाशयों की स्थिति के बारे में जिलाधिकारी प्रवीण दराड़े ने पूछने पर बताया कि जिले में जलसंकट की स्थिति नहीं है। क्योंकि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अच्छी वर्षा हुई थी। जहां जलसंकट है, वहां कुओं को गहरा बनाना तथा बोरवेल बनाने जैसे काम शुरू किए गए है। जलसंकट से निपटने के लिए आठ करोड़ की लागत की योजना बनाई गई है।
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