सोमवार, मार्च 08, 2010

कहां लापता हो रही हैं नबालिग लड़कियां

महिला दिवस पर
.....................
पुलिस का मिसिंग रजिस्टर में दर्ज मामले महज खानापूर्ति के लिए
नागपुर
। शहर पुलिस की वेबसाइट पर गुमशुदा लोगों की सूची पर अगर ध्यान दिया जाए तो पता चलता है वर्ष 2008 से अब तक पुरुष, बच्चे समेत कुल 61 महिलाएं शहर से गायब हुईं, लेकिन अब भी इनका कोई सुराग नहीं लग पाया। लापता सूची में सबसे ज्यादा स्कूली छात्र-छात्राओं का समावेश है। इसमें नबालिग लड़कियों की संख्या ज्यादा है। पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत तीन वर्षों में लापता हुए करीब 61 लोगों का अब तक कोई पता नहीं लग पाया है। नागपुर पुलिस की अधिकृत बेवसाइट में अभी भी इनका नाम गुमशुदगी की सूची में दिखाई दे रहा है। हालांकि लापता होने वालों की संख्या इससे ज्यादा है। लेकिन पुलिस ने इसे बेवसाइट पर अपडेट नहीं किया है। यह हालत हर नागपुर की ही नहीं है। गांव देहात से नगर महानगरों तक नवालिग ही के गायब होने की घटना नई बात नहीं रही।
जानकारों की माने तो बीते वर्ष 1 जनवरी से 31 अगस्त तक, मात्र 8 माह की अवधि में, उपराजधानी नागपुर की स्लम बस्तियों से 447 महिलाओं और 276 नाबालिग लड़कियां लापता हुई, जिसमें से 429 महिलाएं एवं 214 नाबालिग लड़कियां मिल गई किंतु 18 महिलाओं और 62 नाबालिग लड़कियां के लापता होने के रहस्य से परदा नहीं उठ पाया। इसका जवाब भी पुलिस के पास नहीं है। लापता महिलाएं व नाबालिग गई कहां? यह प्रश्न पुलिस के साथ-साथ लापताओं के परिवार वालों के सामने यक्ष प्रश्न बनकर खड़ा है।
महज दो से सोलह वर्ष की आयु के बच्चों के गायब होने से ऐसा लगता है कि बच्चों को गायब करने वाला कोई न कोई गिरोह सक्रिय है। गुमशुदा हुये बच्चों में छात्राओ की संख्या ज्यादा है। जब भी कोई बच्चा गुम होता है तो अभिभावक उसका मामला दर्ज करने थाना पहुंचते हैं। थाने के लापता रजिस्टर केवल गुमशुदा लोगों की रिपोर्ट दर्ज करने भर के लिए है। लापता होने की जब भी कोई रिपोर्ट दर्ज होती है उसे उसे वायरलेस पर हर थाने में सूचना भेजकर अपना काम खत्म समझती है। गायब बच्चों की खोज-खबर भगवान भरोसे रहती है। गायब मासूम आज किस हालात में कहां और कैसा जीवन व्यतीत कर रहे होंगे, इसकी इन्हें चिंता तक नहीं होती। ज्ञात हो कि लापता बच्चे और बड़ों को खोजने के लिए पुलिस की अपराध शाखा में एक सामाजिक सुरक्षा विभाग खोला गया है। मगर इस विभाग में कार्य कर रहे अधिकारी तथा कर्मचारी आराम फरमाते नजर आते हैं।
नागपुर शहर की बदनाम गली गंगा-जमुना में आये दिन इसी तरह अगवा कर लाई गई लड़कियों को बेचा जाता है। संभावना है कि यहां से गायब की गई लड़कियां दूसरे प्रदेश में ऐसे ही रेडलाइट इलाकों में बेची जाती हों। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि गायब होने वाली लड़कियों में अधिकतर 10 से 18 साल की आयु वर्ग के बीच में है। देह बाजार में इस उम्र की लड़कियों की अच्छी मांग है। उपराजधानी की स्लम बस्तियों में रहने वाली गरीब, बेबस व परिस्थितियों के हाथों विवश युवतियों व नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसला कर व प्रलोभन देकर, अन्य राज्यों में ले जाकर बेच देने का सनसनीखेज मामला कुछ महीनों के अंतराल पर प्रकाश में आता रहता है। सूत्र कहते हैं कि लापता होने की बढ़ती घटनाओं के कारण, अंतरराज्यीय स्तर पर बिक्री करने वाले गिरोह सक्रिय है। इसकी पुष्टिï पिछले साल ही दो महिलाओं को बेचे जाने की घटना प्रकाश में आने से होती है।
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष ही इस तरह का एक मामला प्रकाश में आया था, जिसमें टेका के म्हाडा क्वार्टर में रहने वाले मोटर मैकेनिक राजेंद्र जैस्वाल की तीस वर्षीय पत्नी अचानक लापता हुई थी। खोजबीन से मालूम हुआ कि उसे उसे गुजरात के टिक्कस गांव में 55 वर्षीय प्रवीण शाह को बेच दिया था। इसी गांव में ही रहने वाली प्रभा माचनवार ने अपनी दो सहेलियों के साथ मिलकर इस कांड को अंजाम दिया और 40 हजार रुपयों में एक प्रौढ़ को बेच दिया। जानकारी मिलते ही नागपुर पुलिस ने गुजरात जाकर इस महिला को वापस लाई और इस कांड की मुख्य तीनों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार महिलाओं से ऐसे और प्रकरणों की जानकारी प्रकाश में आई। इसी तरह एक अन्य घटनाक्रम में कलमना थाना क्षेत्र से एक 14 वर्षीय किशोरी को 15 हजार रुपयों में बेचने का काला कारनामा करने वाली भी तीन महिलाएं थीं। कलमना पुलिस ने राजस्थान के कोटा से जाकर उस लड़की को नागपुर लाई और तीनों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया।
जानकार कहते हैं कि गरीब और परिस्थितियों के हाथों विवश युवतियों व नाबालिग लड़कियों को नौकरी और विवाह का झांसा देकर बहला-फुसलाकर मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में ले जाकर और मोटी रकम देकर उनका बेमेल विवाह करा दिया जाता है या फिर गलत व अनैतिक कार्यों में लिप्त कर रुपया कमाया जाता है।
०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००

कोई टिप्पणी नहीं: