शनिवार, मार्च 13, 2010

बारिश से करोड़ों की फसल बर्बाद



विदर्भ में दो दिन में बेमौसम हुए बारिश से करोड़ों रूपये की फसल के नुकसान होने का अनुमान लगया जा रहा है। गुरुवार की देर रात और शुक्रवार को सुबह भी हुई बेमौसम बारिश व तेज आंधी से कई जगह बिजली गुल रही। अनुमान है कि इस असमय बारिश से गेंहू, चना, करडई, जवस की फसल बाबर्द बाबार्द होने की कगार पर पहुंच गई है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नागपुर में 10.9 मि.मी, अकोला, में 7.9 मि.मी, अमरावती में 16.0 मि.मी., ब्रह्मापुरी में 1.0 मि.मी., वर्धा में 12.5 मि.मी, यवतमाल में 2.8 मि.मी, वारिश हुई। दक्षिण महाराष्ट्र में कम दबाव का पट्टा होने से बेमौसम बारिश हो रही है। आगामी 24 घंटों में हल्की बारिश जारी रहेगी। रात में तेज हवाएं चलने की संभावना है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिन हुए बेमौसम बारिश से गेहूं व जवस की फसल झुककर जमीन पर सो गई है। वही कई किसानें ने गेहूं व जबस काट कर उसकी गंजियां बनकार रखी है। लेकिन वह भी गीली होने कारण खराब हो गई है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नागपुर जिले में 50 हजार 800 हेक्टेयर में गेंहू की बुआई की गई है। वर्धा जिले में 18 हजार 900, भंडारा में 9 हजार 900, गोंदिया में 2300 चंद्रपुर में 14 हजार 600, गढ़चिरौली में 600 हेक्टेयर में बुआई की गई थी।
वहीं नागपुर में चना की फसल 21 हजार, 400 हेक्टेयर, वर्धा में 33 हजार 400, भंडारा में 8 हजार 200, गोंदिया में 3100, चंद्रपुर में 1640, गढ़चिरौली में 1900 हेक्टेयर में चने की बुआई की गई है। इसमें से 50 प्रतिशत फसल काट कर खेत में रखी गई है। जानकारों का कहना है कि फसल काट कर खेत में रखने के कारण ये गीले हो गए हैं। बेमौसम बारिश से चने के गिले होने के कारण उसमें अंकुर आ जाएंगे और यह नष्ट हो जाएगा। इसके साथ ही इस बारिश से आम के मंजर पर भी कहर बरपा है। विदर्भ जहां कपास उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, वहीं यहां आम का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है। लेकिन इस बार बारिश से आम का बौर व कई स्थानों पर लगे छोटे आम गिर गए है। ऐसे में किसानों को आम के उत्पादन से भी वंचित रहना पड़ सकता है। आम आदमी की पहुचं से आम दूर होने की संभावना है। इस बारिश ने सतरा उत्पादन भी गहरा असर डाला है। पेड़ों में लगे संतरे नीचे गिर गए हैं। हजारो पेड़ पर लटके संतरे बारिश को कारण सडऩे लगे हैं।
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