शनिवार, मार्च 27, 2010

फांसी से झूला रिटायर्ड फौजी के कुल का इकलौता दीपक

जिंदगी पर भारी पड़ा पुलिस भर्ती में फेल होने का भय
नागपुर।
पुलिस भर्ती परीक्षा में फेल होने के डर से सेना के एक रिटायर्ड फौजी के इकलौते बेटे दीपक ने बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गत 25 मार्च को उसने पुलिस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा दी थी, उसे डर था कि इस परीक्षा में वह फेल हो जाएगा। पर जब परिणाम आया तो पता चला कि वह अच्छे अंक से पास हो चुका है। उसके पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें दीपक ने लिखा है - 'याला कोणी ही जबावदार नाही आहेÓ। मतलब उसके मौत का जिम्मेदार वह स्वयं है। पुलिस मुख्यालय के क्वांटर नं.3/18, बिल्डिंग नं. 3 की तीसरी मंजिल पर रिटायर्ड फौजी अरुण सालवे के इकलौते बेटे दीपक सालवे (23) की लाश नायलोन की रस्सी से लटकती नजर आई। अनुमान है कि दीपक ने बीत रात करीब 1 बजे फांसी लगाई होगी। दीपक के परिचितों ने बताया कि वह कल दोपहर 12 बजे घर से निकला तो देर रात तक घर वापस नहीं लौटा था।
दीपक के पिता सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद लोहमार्ग पुलिस विभाग में हवलदार के पद पर तैनात है। उनकी सेवानिवृत्ति में अभी 5 माह शेष है। उसे डर था कि नौकरी नहीं मिली तो क्या होगा? पिता को क्या मुंह दिखाएंगा? फौजी बाप ने बेटे को पुलिस में भर्ती के लिए जरूरी बातें सिखाई थी। दीपक ने उनक बातों को आत्मसात किया। इस कारण पुलिस में भर्ती के लिए उसने मेहनत कर शरीर को सुडौल बनाया था। उसने गत 25 मार्च को जीआरपी के अजनी स्थित मुख्यालय पर पुलिस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा भी दी थी। उसे डर सताने लगा था कि वह इस परीक्षा में कुछ गलती करने के कारण फेल हो जाएगा। इसी डर के वह तनावग्रस्त हो गया। वह घर से करीब 12 बजे निकला। घर वालों को लगा कि वह घूम कर वापस आ जाएगा। लेकिन वह शाम तक नहीं आया। शनिवार को सुबह दीपक के घर वालों ने बेटे को फांसी पर लटकते देखा, तो उनके होश उड़ गए। इसकी जानकारी अजनी थाने को दी गई। घटनास्थल पर अजनी व इमामबाडा पुलिस के अधिकराी कर्मचारी पहुंचे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आत्महत्या से पूर्व लिखे गए सुसाइड नोट में दीपक ने अपनी मां से आत्महत्या के लिए माफी मांगी है। दीपक की बहन शीतल बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्रा है।
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