रविवार, मार्च 14, 2010

उड़ीसा में 'गड़चिरौली पैटर्नÓ

नक्सली हमलों की दृष्टिï से देश में संवेदनशील माने जाने वाले महाराष्ट्र के गड़चिरौली जिले में अत्याधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों को पूरी क्षमता के साथ मुकाबला करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा संयुत रूप से चलाई गई योजना और नीति सफल होने से इस पैटर्न को अब उड़ीसा में लागू किया जा सकता है। यह नीति सफल हुई है। यह हम नहीं सरकार कह रही है। क्योंकि पिछले कुछ माह से जिस तरह से उड़ीसा में नक्सलियों ने अपनी हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया है, वैसा घटना इस दौरान गड़चिरौली में नहीं हुई है।
पिछले वर्ष फरवरी माह में नक्सलियों ने पुलिसबलों पर भारी धावा बोला था। इसके बाद अक्टूबर माह के करीब खतरनाक घटना को अंजाम दिया था। गृह मंत्रालय सूत्रों की मानें तो 'गड़चिरोली पैटर्नÓ को उड़ीसा में लागू करने का विचार किया जा रहा है।
सरकार का कहना है कि गड़चिरोली के महाराष्टï्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर जिस तरह संयुत अभियान चलाकर पुलिस तथा अधसैनिक बलों ने नसलियों के छके छुड़ा दिए। यह पैटर्न अब उड़ीसा में क्रियान्वित किया जाएगा। गड़चिरौली की तरह अब उड़ीसा की राज्य सीमा पर 'असीमित कार्रवाई अभियानÓ चलाये जाने की योजना है। फिलहाल केंद्र सरकार ने इस योजना का खुलासा नहीं किया है। लेकिन संभावना है कि जल्द ही इसकी अधिकारिक घोषणा की जाएगी। योजना के तहत उड़ीसा के मल्कांगिरि जिले में 5 बीएसएफ बटालियन, 5000 सैनिक भेजे जाएंगे। जिस तरह महाराष्टï्र में चेकपोस्ट के माध्यम से सीमा सील कर दी गई, उसी तरह उड़ीसा में भी नक्सलियों से सफल मुठभेड़ के लिए सीमा को चाकचौबंद किया जाएगा।
नक्सलियों के हिंसक गतिविधियों के मामले में छत्तीसगढ़ के बाद गड़चिरोली संवेदनशील क्षेत्र है। यहां नक्सली हमलों में गत वर्ष 52 पुलिसकर्मी शहीद हुए। फिलहाल गडचिरौली में 2 पुलिस अधीक्षकों के नेतृत्व में लगभग 2000 सीआरपीएफ, सी-60, एसआरपी तथा स्थानीय पुलिस की बड़ी फौज गड़चिरौली में नक्सलियों पर नियंत्रण किये हुए है।
गृह मंत्रालय का दावा है कि नक्सलियों से निपटने के लिए स्थानीय लोगों का जवानों को सहयोग मिलने की दिशा में किए गए प्रयास सफल हुए हैं। इससे स्वयं स्थानीय नागरिक स्वप्रेरणा से गुप्त सूचनाएं देने का प्रयास कर रहे हैं।
उड़ीसा में 'गड़चिरौली पैटर्नÓ लागू करने पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि गड़चिरोली में नक्सली धमकियों के बावजूद खुली पुलिस भर्ती में 10 हजार से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया।

कोई टिप्पणी नहीं: