गुरुवार, जुलाई 15, 2010

10 बेटियों के पिता ने की आत्महत्या

बेटियों के ब्याह की चिंता खाए जा रही थी उसे
वह कैसी पत्नी जो मरने के बाद भी उसे कोसती रही
नागपुर।
10 बेटियों के पिता ने अपनी लाड़ली के ब्याह की चिंता से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। मरने के बाद गम में आंसू बहाने को कौन कहे वह अपने पति को ही कोसती रही. आधुनिकता के इस युग में अभी भी समाज के लोग दकियानूसी परंपरा से दूर नहीं हो पाए हैं। एक ऐसे ही मजदूर ने पत्नी के विरोध के बाद भी बेटे की चाह में 11 बेटियों का पिता बन गया । बेटा तो उसके घर में पैदा जरूर हुआ लेकिन तब तक परिवार का दायरा और जिम्मेदारी काफी ज्यादा बढ़ गई थी। बेटे की चाहत में एक के बाद एक 11 बेटियों का पिता बनना उसके लिए उस समय महंगा पड़ा, जब बेटियों की शादी की चिंता ने उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया। यह घटना बुधवार की सुबह जरीपटका थानांतर्गत मानकापुर रेलवे उड़ानपुल के पास हुई। मजदूर का नाम राधेलाल राणा (45) बताया गया है। राधेलाल राणा की शिनाख्त घटनास्थल पर मौजूद जरीपटका थाने के पीएसआई मुद्गल ने उसकी जेब से मिले पैन कार्ड के आधार पर की। बताया जाता है कि राधेलाल को बेटे की चाहत में 11 बेटियों का पिता बनने के बाद उसे एक बेटा हुआ। यह बेटा 11 वीं बेटी की मौत की बाद हुआ। बेटियों की शादी की चिंता उसे सताने लगी थी। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण घर में कलह का वातावरण था, जिसके चलते बुधवार की सुबह करीब 9 बजे राधेलाल ने मानकापुर रेलवे उड़ानपुल से करीब 50 गज की दूरी पर ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। सुबह करीब 9 बजे जरीपटका थाने को इस घटना की सूचना मिली। उसके बाद जरीपटका थाने के पीएसआई मुदगल अपने सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। टे्रन से कटने के कारण राधेलाल के परखच्चे उड़ गए थे। पुलिस कर्मियों ने बड़ी मुश्किल से उसके कटे हुए अंगों को एकत्रित किया। बताया जाता है कि राधेलाल की 11 वीं पुत्री की मौत के बाद उसके घर बेटे ने जन्म लिया। राधेलाल को अपनी बेटियों की शादी की चिंता दिन-रात खाए जा रही थी। राधेलाल की जेब से पुलिस को मोबाइल भी मिला। बताया जाता है कि पिछले एक माह पूर्व राधेलाल अपने परिवार के साथ नारा गांव में रहने गया था। इस मामले की जांच जरीपटका पुलिस कर रही है।

कैसी है यह पत्नी जिसे पति की मौत का गम नहीं
राधेलाल की पत्नी दो बेटियों की पैदाइश के बाद यह नहीं चाहती थी कि उसका परिवार और आगे बढ़े। लेकिन पति की जिद के आगे वह मजबूर हो गई। पति की इच्छा थी कि वंश चलाने वाला एक कुल का दीपक हो इसलिए न चाहते हुए भी वह पति का कहना टाल न सकी। राधेलाल की पत्नी राधा उर्फ राधन राधेलाल राणा उसकी मौत के बाद भी उसे कोसती रही।
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