रविवार, जुलाई 25, 2010

भारत के मसालों की विदेशों में भारी मांग

नागपुर। नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स तथा स्पायसेस बोर्ड, कोचीन के संयुक्त तत्वावधान में होटल तुली इंटरनेशनल सदर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपस्थित अतिथियों, निर्यातकों तथा व्यापारियोंं का स्वागत करते हुए चेंबर के अध्यक्ष, हेमंत खुंगर ने कार्यशाला आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि भारत से विदेशों में मसालों की अति आवश्यकता है क्योंकि यहां के बने हुए मसालों जैसे मिर्ची, हल्दी व अन्य मसाले उत्कृष्ट रूप से उत्पादित किए जाते हैं, क्योंकि इन मसालों के उत्पादन के लिए प्राकृतिक तथा सेंद्रिय खादों का इस्तेमाल होने से उसकी गुणवत्ता श्रेष्ठ होती है। इन वस्तुओं को अधिक से अधिक मात्रा में निर्यात करने के लिए विदर्भ तथा मध्य भारत के व्यापारी तथा निर्यातकों को आगे आना चाहिए। उन्होंने अनुरोध किया कि निर्यात अधिक होगा तो व्यापार भी बढ़ेगा। इस कार्यशाला में विशेषकर विदर्भ व मध्य भारत से मसालों का निर्यात विदेशों में कैसे करना, उसकी जानकारी कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि, विवेक ज्योति राय, उपसंचालक, स्पायसेस बोर्ड, भारत सरकार, कोचीन ने उपस्थित सदस्यों को दी।
बिबेक राय ने कहा कि हल्दी एक ऐसी वस्तु है जो खाद्य पदार्थ भी है, औषधि भी है तथा मसाले के रूप में भी इस्तेमाल की जाती है। देश में 42 प्रकार की हल्दी का उत्पादन होता है। हल्दी व कस्तुरी, उनके सुगंध से पहचानी ताजी है। वर्तमान में, भारत में इसका उत्पादन 5,55,455 मे.टन होता है, जिसमें से, महाराष्ट्र में इसका उत्पादन 8,280 मे.टन होता है। उसी प्रकार भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, म्यामार, चाइना, हैती, पेरु, सॉलिडोर, तायवान तथा जमायका में भी हल्दी का उत्पादन किया जाता है। पूरे विश्व स्तर पर केवल भारत में हल्दी का उत्पादन 70 प्रतिशत होता है। महाराष्ट्र में जिलों के अनुसार, नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, अमरावती, सातारा, सांगली, परभणी, नांदेड, कोल्हापुर व शोलापुर में हल्दी का उत्पादन किया जाता है।
मिर्ची के उत्पादन के बारे में उन्होंने कहा कि मिर्ची का उत्पादन भारत में आंध्र, कर्नाटक, उड़ीसा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल में प्रमुख रूप से होता है। भारत से इसका निर्यात विशेषकर बंाग्लादेश, पाकिस्तान तथा अन्य देशों में किया जाता है। दूसरे सत्र में वंदना शिवशरण ईसीजीसी नागपुर शाखा प्रमुख ने निर्यातकों को ईसीजीसी के उद्देश्य की जानकारी दी।कार्यक्रम में हेमंत खुंगर, मयूर पंचमतिया, प्रकाश वाधवानी, जगदीश बी.बंग, अजय कुमार मदान, प्रभाकर देशमुख, विजय केवलरामानी, फारुक अकबानी, निखिलेश ठाकर, राजू माखीजा, राजू व्यास, निलेश सूचक, सचिन पुनियानी, सतीश बंग, हस्तीमल कटारिया, योगेंद्रकुमार अग्रवाल, मनोहर भोजवानी, प्रकाश वाघमारे, प्रकाश कटारिया, यश भोजवानी, मोहनलाल पटेल, रवि आत्राम, शिरीष आया, पांडुरंग होजुक, मनोज वानखेडे, उमेश तालेकर, धवल पंचमतिया, रशीद अली सैयद, नेताई के राय, अमित चौधरी, निखिल जुनेजा, नितिन सोमकुंवर, कु.मोहिनी बेरी, मनीषा जोशी, संजय पटेल, बिहारी पटेल, संजय देसाई, विराल कोठारी, दीपक पारवानी उपस्थित थे। संचालन चेंबर के उपाध्यक्ष जगदीश वी.बंग ने किया तथा मयूर पंचमतिया, ने आभार प्रदर्शन किया। उक्त जानकारी चेंबर के सहसचिव अजयकुमार अदान ने दी है।

कोई टिप्पणी नहीं: