बुधवार, जुलाई 28, 2010

हार्डवेयर में शोध की जरूरत : डा. जोशी


नागपुर। भारत सॉफ्टवेअर की दुनिया में आगे हैं। अब हार्डवेयर में संशोधन की जरूरत है। यह कहना है कि पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी का। वे नागपुर में रामदेव बाबा कमला नेहरू अभियंात्रिकी महाविद्यालय में आइटी कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन के मौके पर अध्यक्षीय भाषण दे रहे थे। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत, महापौर अर्चना डेहनकर, पूर्व विधायक तथा संस्था अध्यक्ष बनवारीलाल पुरोहित आदि उपस्थित थे।
डा. जोशी ने कहा कि हार्डवेयर के बिना आइटी का कोई महत्त्व नहीं। इन उपकरणों को आयात करना पड़ता है। इस लिए इस क्षेत्र में शोध कर देश में ही इनके उत्पाद बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन संस्थाएं देश के बड़े संस्थाओं के लिए एकाऊंटेंट, मार्केटिंग अधिकारी तैयार कर रही हैं। जल, बिजली, शिक्षा, यातायात तथा किसान को टेक्नालॉजी का कुछ फायदा नहीं मिल रहा है। इसके लिए पश्चिमी देशों का अनुकरण नहीं करना चाहिए। 250 वर्ष पहले भारत अच्छा स्टिल भेजता था। आज लेजर ब्लेड भी बाहर से आयत करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि आप नकल करोगे तो कभी आगे नहीं बढ़ोगे। जो आएगा वह पश्चिम से आएगा यह बुनियादी बात हो गई हैं। उसे बदलना जरूरी है। हमें अपने मस्तिष्क को सतत चलाते रहना चाहिए। आज अपनी परंपरा, अपनी छाप, अपनी धरती ध्वस्त हो रही है।
शिक्षा में डोनेशन अच्छा नहीं : गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि देश के विकास के लिए रिसर्च और टेक्रालॉजी की आवयश्कता है। कई जगह पर पानी के एक बुंद के लिए लोग तरस रहे हैं, तो कहीं बाढ़ से गांव के गांव उजड़ रहे हैं। अगर तकनीक का बेहतर उपयोग हो तो बहकर जाने वाले पानी का सही इस्तेमाला किया जा सकता है। इसलिए पानी, बिजली पर रिचर्स होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आज शिक्षा का व्यापारीकरण किया जा रहा है। उनके गुणवत्ता से कोई लेना देना नहीं। गरीब के प्रति भावना रखनी चाहिए। तांत्रिक दृष्टी से एक यशस्वी आदमी तो मिलेगा लेकिन एक अच्छा इंसान नहीं। शिक्षा के लिए डोनेशन अच्छी बात नहीं है। यह कदापि नहीं होना चाहिए। डोनेशन नहीं लेकर गुणवत्ता के आधार पर रामदेवबाबा कॉलेज में प्रवेश मिलने से ही यहां के विद्यार्थी गौरव प्राप्त कर रहे हैं।
केवल पढऩे-लिखने से काम नहीं : भागवत
डा. मोहन भागवत ने कहा कि केवल सुनने से कोई काम नहीं होता, उसके लिए करना पड़ता है। करने वाले का काम होता है, नाम होता है। कार्बेन को कुछ साल दबाया गया तो वह सिलोकॉन बन जाता है, यह प्राकृति का नियम है। परंतु भारत को कितना भी दबा कर रखा गया फिर की सिलोकॉन नहीं बनेगा। हम शुरू करेंगे, यह संकल्प लेना चाहिए। केवल पढ़ा - लिखा होकर कुछ उपयोग नहीं, लोगों को उसका फायदा होना चाहिए। समाज तथा राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहिए।
कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व आईटी कॉप्लेक्स के आर्किटेक्ट डा. डोंगरे का भागवत तथा सिविल कॉन्ट्रेक्टर डी.आर.मालजी का डॉ. मुरली मनोहर जोशी के हाथों सत्कार किया गया। डा. जोशी, डा.भागवत, नितीन गडकरी, महापौर अर्चना डेहनकर का संस्था की ओर से शाल, श्रीफल व स्मृतिचिन्ह देकर सत्कार किया गया। प्रास्ताविक भाषण संस्था अध्यक्ष बनवारीलाल पुरोहित ने दिया। उन्होंने बताया कि उदयोन्मुख संस्थाओं महाराष्ट्र में पहली तथा देश में चौथे नंबर पर यह संस्था है। इस वर्ष संस्था ने 25 वर्ष पूरे किए है। संस्था में मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। प्रबंधन कोटा भी डोनेशन से नहीं, गुणवत्ता के आधार पर भरा जाता है। कार्यक्रम में पूर्व विधायक तथा वनराई के अध्यक्ष गिरीश गांधी, पूर्व सरसंघचालक के.सी. सुदर्शन, पूर्व महापौर माया इवनाते
संस्था के उपाध्यक्ष गंगाराम अग्रवाल, उपाध्यक्ष चंद्रकांत ठाकर, संस्था सचिव गोविंद अग्रवाल, प्राचार्य देशपांडे, दामोदर भूतडा तथा शहर के गणमान्य नागरिक, संस्था के कर्मचारी, शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रा. पाचपोर ने किया। विश्वास देशपांडे के आभार प्रदर्शन के बाद कार्यक्रम का सामपन हुआ।
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