स्थायी नंबर मिलने में हो रही देरी
नागपुर। अमरावती रोड स्थित क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट कार्यालय (आरटीओ) में इन दिनों काम का बोझ इतना बढ़ गया है कि नगर में खरीदे जाने वाले वाहनों के स्थायी पंजीयन नंबर नहीं दिया जा रहा है। आरटीओ सूत्रों की मानें तो हर दिन संतरानगरी में दो पहिया और चार पहिये वाहन समेत करीब 400 वाहनों का पंजीयन हो रहा है। वाहन खरीदने वालों को तीन से चार सप्ताह तक स्थायी पंजीयन नंबर नहीं मिलने की शिकायत आ रही है। जबकि नियमानुसार नये वाहन का स्थायी पंजीयन नंबर एक से दो तीन के अंदर जारी होना चाहिए। जब तक स्थायी नंबर नहीं मिल जाता है, तब तक वाहन डीलर ग्राहकों को आरटीओ की ओर से सेट्रल मोटर वेहिकल एक्ट 1981 के नियम 41 के तहत ट्रेड सर्टिफिकेट का अस्थायी नंबर उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन नियमानुसार इस नंबर के बाद भी वाहन तब तक सार्वजनिक स्थानों पर नहीं चलाए जा सकते है, जब तक कि स्थायी नंबर नहीं मिल जाए। मोटर वेहिकल एक्ट 1988 के तहत बिना स्थायी नंबर के वाहन चलाने पर 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। लेकिन वाहन डीलर वाहन खरीदने के एक दो ही घंटे में टे्रड सर्टिफिकेट (टीसी) नंबर उपलब्ध करा देते हैं। जानकारों की मानें तो वाहन डालर ऐसा इसलिए करते हैं, जिससे कि ग्राहक किसी दूसरे डीलर के पास से वाहन न खरीद ले। नगर के अनेक लोगों का यह अनुभव है कि उन्हें वाहन खरीदने के कुछ ही घंटे बाद टी.सी. नंबर तो मिल गया, लेकिन स्थायी नंबर के लिए एक माह तक का समय लग गया। हालांकि आरटीओ इस नंबर को देने के लिए सेवा शुल्क भी वसूल रहा है, इसके बाद भी नंबर मिलने में देरी हो रही है। वहीं आरटीओ नागपुर के अधिकारी वी.वी. लांडे का कहना है कि स्थायी पंजीयन नंबर जारी होने में केवल उन वाहनों को देरी हो रही है, जिनके कागजात दुरुस्त नहीं हैं। जिनके कागज पूरे हैं और उन्होंने पंजीयन शुल्क भर दिया है, उन्हें तुरंत स्थायी पंजीयन नंबर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संयोगवश दो-चार वाहनों के स्थायी नंबर मिलने में देरी हुई होगी। इससे पूरे कार्यप्रणाली पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
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