गुरुवार, जुलाई 15, 2010

पुलिस को चकमा दे फूंका जेम्सलेन का पुतला

नागपुर पहुंची शिवाजी पर विवादित पुस्तक की आग
रिजर्व बैंक चौक पर शिवसैनिकों ने किया प्रदर्शन
नागपुर। जेम्सलेन की विवादास्पद पुस्तक शिवाजी 'द हिंदू किंग इन इस्लामिक इंडियाÓ के खिलाफ विरोध की आग संतरानगरी में भी पहुंच गई है। पुस्तक में लेखक द्वारा शिवाजी पर लिखी अभद्र बातों के खिलाफ नागपुर की शिवसेना इकाई के कार्यकर्ताओं ने रिजर्व बैंक चौक पर शिवसेना के जिला उपप्रमुख राधेश्याम हटवाल, करण सिंह तुली और सूरज गोजे के नेतृत्व में जमकर नारेबाजी की। पुलिस के तगड़े बंदोबस्त के बाद भी शिवसैनिकों ने उन्हें चकमा देकर विवादित पुस्तक के लेखक जेम्सलेन का पुतला जलाया। शाम 4 बजे के करीब रिजर्ब बैंक के समीप स्थित बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर के पुतले के समीप शिवसैनिक इकट्ठा होना शुरू हए। पुलिस बल भी किसी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए मुस्तैद था। करीब 4:30 बजे शिवसैनिकों ने पुस्तक के लेखक के खिलाफ नारेबाजी शुरू की। पुलिस का पूरा ध्यान यहां उपस्थित कार्यकर्ताओं की नारेबाजी पर था। तभी अचानक पास ही रिजर्ब बैंक चौक पर एक शिवसैनिक ने सुनियोजित तरीके से जेम्सलेन का पुतला जला दिया। आग की ऊंचीं लपटें देखकर सबका ध्यान उस ओर गया। पुलिस के जवान भी उस ओर दौड़े और पास पहुंच कर पुतले की आग को बुझाया। तभी एक अन्य शिवसैनिक ने छिपते हुए जेम्सलेन का दूसरा पुतला लाया। पुलिस उसे जलाने से रोकने की पूरी कोशिश की। लेकिन शिवसैनिक दूसरे पुतले को भी जलाने में सफल रहे। प्रदर्शन के बाद पुलिस ने करीब दर्जन भर शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया। उन्हें सीताबर्डी थाने ले गई और वहां औपचारिक कार्रवाई के बाद उन्हें रिहा कर दिया।
प्रदर्शन में नगरसेवक प्रवीण सांदेकर, नगर सेविका जयश्री जांभुले, निशांत चांदेकर, नंदू धोटे, उप विभाग प्रमुख टिंकू दिगवा, बाबू हरियानी, मनोज शाहू, सुरेंद्र सिंह, अजय पांडे, देशकर, किसान प्रजापति, राकेश बोरीकर, यशवंत जौंजाल, रजत चंदेल, राजू कनौजिया, केशन कुंभारे, पुरुषोत्तम कांद्रीकर, चिंटू महाराज समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि जेम्सलेन की लिखित पुस्तक में शिवाजी महाराज की विवादित बातों के कारण इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने इस पुस्तक से प्रतिबंध हटाने निर्देश दिया है। इसको लेकर शिवसैनिकों में रोष है। राज्य भर में शिवसैनिक समेत कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।

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