नागपुर। गणेशपेठ स्थित एस.टी. बस स्टैंड में अव्यवस्था का नजारा आम है। बारिश में यात्रियों की सुविधा और सुखद यात्रा के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है। स्टैंड के मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करते ही हल्के से नीचे फर्श पर पानी जमा हुआ है। पानी में पांव या जूते-चप्पल नहीं भीगें, इसके लिए किसी यात्री ने दो-तीन ईंटें रख दी हैं। ईंट के सहारे लोग पांव को भींगने से बचाते हुए जैसे-तैसे अंदर पहुंच रहे हैं। परिसर में गंदगी का नजरा देख कर लगता है जैसे कई दिनों से यहां किसी ने झाडू ही नहीं लगाया हो। चारों ओर की दीवालों पर पान और खर्रे की पीक की गंदगी है। यहां यात्रियों की सुविधा के लिये बने शौचालय का बुरा हाल है। परिसर की दीवालों के किनारे-किनारे गंदगी देखकर घिन आती है। बस में चढऩे के लिए जैसे ही यात्री प्लेटफार्म से निकलते हैं, बदबू के कारण दो मिनट खड़ा होना मुश्किल हो जाता है।
प्रतीक्षालय और टिकट घर में लगे पंखे हमेशा बंद नजर आते हैं। जबकि यहां कर्मचारियों के कमरे के पंखे चलते हुए दिखते हैं। यात्रियों की सहायता के लिए बना बूथ खाली है। वहां कोई नजर नहीं आया।
नागपुर से वर्धा जा रहे एक यात्री डा. सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि यहां की गंदगी का अलाम देखकर लगता है कि बस स्टैंड का कोई माई-बाप नहीं है। पहली बार इस बस स्टैंड पर आया हूं। यदि पहले मालूम होता कि यहां इस तरह इतनी गंदगी होती तो निजी बस से सफर करता। डा.सिंह ने बताया कि यहां के कर्मचारी सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं। यदि इसकी शिकायत भी की जाए तो कहां की जाए, इसकी यहां कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है और न ही किसी प्रकार का निर्देश बोर्ड लगाया गया है कि कहां यात्री अपनी शिकायत दर्ज करायें।
बस स्टैंड से बाहर भी दुर्दशा है। मुख्य द्वार पर ऑटोरिक्शा और हाथ रिक्शा वालों ने कब्जा किया है। जहां से बस निकलती और प्रवेश करती है, वहां ऑटो और रिक्शा वाले के जमावड़े के कारण हमेशा ही दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। आश्चर्य की बात है कि बस के प्रवेश और निकास द्वार पर मनपा के चुंगी नाके का एक छोटा-सा दफ्तर दिखता है, लेकिन यह रविवार को बंद नजर आया। बस से किसी तरह की व्यावसायिक उपयोग के लिए वस्तुएं आ जा रही हैं, इसकी पूछ परख करने वाले भी नजर नहीं आते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से भी पूरे परिसर में लापरवाही दिखी। हर दिन हजारों लोगों की आवाजाही वाले इस स्टैंड परिसर में रविवार को एक पुलिसकर्मी तक भी नहीं दिखा।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें