शनिवार, जुलाई 31, 2010

गडचिरोली में ये क्या हो रहा है ...

रद्द हुआ आबा का गड़चिरोली दौरा!
संजय स्वदेश
नागपुर।
महाराष्ट्र का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिला गड़चिरोली में इन दिनों काफी कुछ चल रहा है। यहां की गतिविधियों से राज्य सरकार पूरी तरह से भयभित है। पिछले दिनों नक्सली नेता आजाद की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद गड़चिरोली जिले में सक्रिय खूंखार नक्सलियों की घातक गतिविधियों को देखते हुए राज्य के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल 'आबाÓ का गड़चिरोली दौरा रद्द हो गया। आबा 29 जुलाई को गड़चिरोली के दौरे पर आने वाले थे। उनकी अध्यक्षता में जिला नियोजन समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। आर.आर. पाटिल गड़ïचिरोली के पालकमंत्री भी हैं।
खूंखार नक्सली नेता आजाद की आंध्र पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद से ही गड़चिरोली जबर्दस्त गुस्से में हैं। वे अपने बड़े नेता की मौत का बदला लेने का ऐलान भी कर चुके हैं। बड़े नेता के बदले में नक्सलियों के निशाने पर कोई बड़ा नेता ही होने की भनक लगने के बाद खुफिया एजेंसियों के अधिकारी सतर्क हो गए। आर.आर. पाटिल के गड़चिरोली जिला दौरे की घोषणा पहले ही हो गई थी और बताया जाता है कि नक्सलियों ने पाटिल के दौरे में बाधा पहुंचाने की तैयारी भी शुरू कर दी थी। इसकी भनक लगने के बाद ही सतर्क हुई खुफिया एजेंसियों ने फिलहाल पाटिल को गड़चिरोली का दौरा नहीं करने की सलाह दी। ज्ञात हो कि आजाद की मौत के बाद से आबा पिछले दिनों विदर्भ में आए थे, लेकिन गड़चिरोली न जाकर यवतमाल से ही वापस मुंबई चले गए थे। अब ताजा घटनाक्रम के तहत आबा का गड़चिरोली दौरा रद्द हो चुका है। आबा जब पिछली बार गड़चिरोली आए थे तब उनकी कार के सामने अचानक आए युवकों ने पुलिस भर्ती में हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए 'नक्सलवाद जिंदाबादÓ के नारे लगाए थे। उस घटना को सरकार ने गंभीरता से लेकर जांच शुरू की थी। नक्सल सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल में सक्रिय नक्सली तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक वे आजाद की मौत के बदले किसी बड़े नेता को निशाना नहीं बनाते। नक्सलियों की लिस्ट पर नक्सलग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृहमंत्री होने की जानकारी मिली है। हाल ही में खबर आई थी कि नक्सलियों ने नागपुर का उपयोग उपचार-हब तथा आवागमन के लिए करना शुरू कर दिया है। इस दृष्टि से बड़े नेताओं के नागपुर दौरे के दौरान भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखने के निर्देश खुफिया एजेंसियों ने पुलिस को दिए हैं।
माओवादियों ने फूंकी भाड़भिड़ी ग्रामपंचायत
नक्सलियों ने 28 जुलाई की रात चामोर्शी तहसील के भाड़भिड़ी स्थित ग्रामपंचायत कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। नक्सलियों के इस वर्ष के शहीद सप्ताह में यह पहली विध्वसंक घटना बताई जा रही है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 से 25 की संख्या में आये बंदूकधारी नक्सलियों ने भाड़भिड़ी गांव में प्रवेश किया तथा ग्रामपंचायत कार्यालय में जाकर सारे कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस आगजनी की घटना में कार्यालय में रखा फर्निचर समेत सारे दस्तावेज जलकर खाक हो गये। घटना को अंजाम देने के बाद सभी नक्सली लाल सलाम के नारे लगाते हुए पर्चे फेंककर वहां से फरार हो गये। इस घटना से भाड़भिड़ी गांव के लोगों में खासी दहशत बनी हुई है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। विशेष अभियान के दलों को नक्सल खोज मुहिम के लिये रवाना करने के आदेश दिये गये है। शहीद सप्ताह के दौरान जिले के लोगों में खासी दहशत होकर पुलिस विभाग ने लोगों से सहयोग करने की अपील की है।
अनेक स्थानों पर बनाये स्मारक

28 जुलाई से नक्सल संगठनों की ओर से शहीद सप्ताह मनाया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान नक्सलियों ने जिले के अनेक स्थानों पर शहीद स्मारक बनाये हैं। कोरची तहसील के मसेली, धानोरा तहसील के अतिदुर्गम गांवों से लेकर सिरोंचा तहसील के बामणी गांव में नक्सलियों ने यह स्मारक बनाये है। धानोरा के किसी सुदुर गांव में नक्सलियों ने पुलिस मुठभेड़ में मारा गया आजाद का पुतला भी बनाया है। जगह-जगह पर्चें व बैनर फेंककर नक्सलियों ने शहीद सप्ताह को मनाने व सरकार के ऑपरेशन ग्रीन हंट को तत्काल बंद करने की मांग की है। सिरोंचा तहसील के कंबालपेठा सड़क पर नक्सलियों ने पेड़ काटकर बिछाये है। यहां पर लोगों ने वायरों के बंडल को भी देखा है।
सैकड़ों गांवों में छाया सन्नाटा
नक्सली नेता चारू मुजूमदार की स्मृति में शुरू हुआ नक्सली शहीद सप्ताह इन दिनों पूरी तरह दहशत के साये में बीता। जिले के अतिदुर्गम क्षेत्र में बसे दर्जनों गांवों में सन्नाटा छाया रहा। धानोरा व कोरची तहसील मुख्यालयों में भी स्थानीय नागरिक खौफ में है। नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों ने नक्सल आंदोलन के नेता आजाद और चारु मजमूदार के नाम के स्मारक बनाकर उन्हें अपनी श्रध्दांजलि दे रहे हैं। कोरची के मसेली गांव में नक्सलियों ने लाल आतंक का झंडा लहराकर लोगों से यह सप्ताह मनाने का आह्वान किया। पुलिस विभाग ने इस बीच सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किये थे। जिसके चलते अब तक कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले की धानोरा व कोरची तहसील को इस वर्ष नक्सलियों ने अपना केंद्रबिन्दु बनाया है। शहीद सप्ताह की सर्वाधिक हरकतें इन्हीं तहसीलों में देखी जा रही हैं। धानोरा, कोरची, कसनसुर, मसेली समेत वनांचल के अनेक गांवों में बंद रखा गया है। अनेक सड़कों पर पेड़ काटकर बिछाने से यातायात बाधित किया गया है। शहीद सप्ताह शुरू होने के एक दिन पूर्व ही जिले की धानोरा तहसील के मुरूमगांव के पास गढ़चिरोली-राजनांदगांव महामार्ग पर पेड़ काटकर बिछाये हैं। आज भी यह पेड़ यथावत हंै। घटनास्थल पर लोगों ने वायर के बंडल भी देखे हंै। जिसके चलते लोगों में खासी दहशत है। इस महामार्ग का यातायात पूरी तरह ठप पड़ गया है। उल्लेखनीय है कि यह महामार्ग जिले का एकमात्र अंतर्राज्यीय महामार्ग है। गढ़चिरोली-मानपुर बस गुरुवार को सुबह धानोरा से ही लौट जाने की खबर मिली है। तहसील मुख्यालय में अनेक निजी वाहन बंद के चलते खड़े हैं।
वहीं जगह-जगह पर्चे व बैनर लगाने से लोगों में खासी दहशत बनी हुई है। इस बंद के चलते जिले के गढ़चिरोली व अहेरी बस डिपो की अनेक बस फेरियां बंद हैं। इसमें प्रमुख रूप से गढ़चिरोली-राजनांदगांव, गढ़चिरोली-मानपुर, मुरूमगांव, पेंढरी, भामरागढ़, एटापल्ली व अन्य अतिदुर्गम गांवों में जाने वाली बसों की फेरियां हैं। गुरुवार को धानोरा की सारी दुकाने शत प्रतिशत बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। सप्ताह के मद्देनजर पुलिस विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात कर रखे हंै। सीआरपीएफ के साथ सी-60 जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है। पर जनता पर सुरक्षा से ज्यादा नक्सलियों का खौफ भारी पड़ रहा है।
आरमोरी में निकली शांति रैली
शहीद सप्ताह के विरोध में आरमोरी पुलिस थाना की ओर से नक्सल विरोधी शांति रैली निकाली गई। थानेदार माने ने इस रैली को हरी झंडी दिखाकर रैली का शुभारंभ किया। यह रैली शहर की मुख्य सड़कों से होते हुए वापस पुलिस थाना पहुंची। इस समय अपने मार्गदर्शन में थानेदार माने ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी नक्सलियों ने 28 जुलाई से 3 अगस्त की कालावधि में शहीद सप्ताह मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने इस सप्ताह में लोगों से पुलिस को सहयोग करने की अपील की। शांति रैली में आरमोरी के महात्मा गांधी विद्यालय, महात्मा गांधी कन्या विद्यालय, डा. आंबेडकर विद्यालय, हितकारिणी विद्यालय, किसनराव खोब्रागडे महाविद्यालय, विवेकानंद विद्यालय आदि शालाओं के छात्र, प्रधानाचार्य, शिक्षक व शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
17 अगस्त को मशाल मोर्चा
जिले में बिजली का उपयोग कम होने के बाद भी विगत 9 वर्षों से यहां लोडशेडिंग शुरू है। यह लोडशेडिंग पूरी तरह बंद करने की मांग को लेकर गढ़चिरोली के महावितरण कंपनी के अधीक्षक अभियंता कार्यालय पर आगामी 17 अगस्त को मशाल मोर्चा निकाला जाएगा। जिला परिषद के पूर्व सदस्य सुरेंद्रसिंह चंदेल व अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में शुरू लोडशेडिंग के कारण यहां की सर्वसाधारण जनता, छोटे उद्योजक व किसानों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले की लोड़शेडिंग को बंद करने के लिये अनेक बार आंदोलन व मोर्चे निकाले गये। लेकिन मंत्रियों के आश्वासन केवल आश्वासन ही रहें। लोडशेडिंग शुरू होने के बावजूद घरेलु उपयोग की बिजली के अधिक बिल भेजे जा रहे हैं।
बदहाली में आदिवासी आश्रम
एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प गढ़चिरोली के अंतर्गत आने वाली सरकारी आश्रमशालाओं की हालत फिलहाल पूरी तरह खस्ता हो चली है। आश्रमशाला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन ने आमशालाओं का दर्जा बढ़ाने की मांग की है।
गत 26 जून से शैक्षणिक सत्र आरंभ हुआ। लेकिन प्रकल्प के तहत आने वाली अनेक आश्रमशालाओं में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। यह पद भरने की मांग भी कई बार की है। लेकिन इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकारी छात्रावास का भोजन बंद होने के कारण छात्रावास अब तक आरंभ ही नहीं हुए है। जिसके चलते स्कूली छात्रों की संख्या कम हो रहीं है। आश्रमशालाओं को किराणा व अन्य खाद्यान्न की आपूर्ति करने के आदेश अब तक जारी नहीं करने से आश्रमशालाओं की अवस्था दयनीय हो गई है। शैक्षणिक सत्र को आरंभ हुए एक माह का कालावधि बीत चुका है, लेकिन शिक्षा आरंभ नहीं होने से आदिवासी छात्रों का बड़े पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।

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