गुरुवार, जुलाई 15, 2010

पोषण आहार का ठेका पाने धरने पर बैठीं महिलाएं

आईएसओ प्रमाणपत्र नहीं होने की शर्त पर बचत गटों को नहीं मिला ठेका
नागपुर।

मंगलवार को दोपहर बचत गट महिला महासंघ की सदस्यों ने रिजर्व बैंक चौक स्थित डा. बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के समीप धरना दिया। उनकी मांग है कि राज्य सरकार की महिला व बाल कल्याण विभाग के अंतर्गत स्कूल में वितरण होने वाले पोषण आहार को आंगनवाडी कार्यकताओं व महिला बचट गटों को कार्य दिया जाए। यह कार्य वे पहले से ही करती आ रही हैं। महासंघ की अध्यक्ष करुणा चिमणकर ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2004 से नियमित रूप से राज्य के महिला बचत गटों को स्कूली पोषण आहार वितरण का कार्य दिया था। करीब चार वर्षों तक महिला बचट गटों ने इस कार्य को ईमानदारी व सफलता से किया। इससे प्रभावित होकर राज्य सरकार ने इन्हें न केवल प्रशिक्षण दिया, बल्कि पुरस्कृत भी किया। इस कार्य को पाकर महिला बचट गट से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई।
उन्होंने कहा कि महिला बचट गटों के माध्यम से स्कूलों में पोषण आहार उपलब्ध कराने का आदेश नंबर 191/2001 पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दिया था। तभी से बचट गटों के माध्यम से स्कूलों में पोषण आहार का ठेका दिया गया। महाराष्ट्र में इस प्रयोग की सफलता के बाद वर्ष 2004 से इसे पूरे देशभर में चलाया गया। फिलहाल यह योजना एक अगस्त 2010 तक शुरू रहेगी। आगे के ठेका के लिए सरकार ने निविदा निकाला था। इस निविदा को महिला बचट गटों ने भी भरा था। लेकिन बचट गटों की निविदा यह कह कर रद्द कर दी गई कि उनके आईएसओ -9001 का प्रमाणपत्र नहीं है। इस तरह अगस्त के बाद का ठेका दूसरे किसी को दे दिया गया। महासंघ का कहना है कि जब पहली बार यह ठेका मिला था, तब इस तरह की शर्त नहीं रखी गई। लेकिन इस बार 1500 करोड़ रुपये का ठेका दूसरे को दिया गया है। इसमें भ्रष्टाचार भी हुआ है। इस ठेका को पाने के लिए राज्य भर के 350 महिला बचट गटों ने निविदा भरा था। लेकिन उद्योगपतियों को दिया गया।
महासंघ की मांग है कि 1500 करोड़ रुपये का यह ठेका सरकार को तत्काल रद्द कर स्थानीय स्तर पर इसकी निविदा निकालनी चाहिए। धरना प्रदर्शन में कविता खैरकर, इंदिरा चौधरी, नालंदा गणवीर, संगीता ठाकरे, तोशीबाई खासरकर, सुशीला तिरपुडे, हेमा धुवे, सुजाता वासनिक, वंदना गोडबोले, रंजना गणवीर, उषा उपरे, मनीषा हाडके, प्रतिभा मेश्राम, संगीता ढोक, मीना मेश्राम, सुनीता मेश्राम, सरोज, वंदना गवई, वैशाली, कमल बांते, नमिता सोमकुंवर, सुमन हाडके, माया शेंडे, वर्षा हाडके, पुष्पा टेभरे, गीता सहारे, कोमेश्वरी गणवीर, रत्नमाला मेश्राम, वंदना निकोसे, कांचन जनबंधु, शिला कोचे, कविता पाटिल, माधुरी सोनटक्के, सुनीता सहारे, मीना दिवेकर, नलिनी भगत, सरिता पराते समेत अनेक महिलाएं उपस्थित थीं।
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