नहीं थम रहा लूटपाट का सिलसिला
विशेष प्रतिनिधि
नागपुर। यदि आप रात के समय बोर भी हो रहे हों तो टीवी मत देखिये। आपने रात के समय अपना लोकप्रिय चैनल शुरू कर लिया तो लालच के जाल में पड़कर आप सैकड़ों रुपयों से हाथ धो सकते हैं। इन दिनों रात 12 बजते ही अधिकांश टीवी चैनलों पर चेहरा पहचानो प्रतियोगिता शुरू हो जाती है। पहले केवल एक चेहरा ही दिया जाता था अब चेहरा दो लोगों का जोड़कर दिखाय जा रहा है। इंडिया टीवी, जी टीवी, इमैजिन टीवी आदि तमाम चैनलों पर यही गोरखधंधा चल रहा है।
जाने-पहचाने चेहरे होने के कारण लाखों लोगों के फोन लगाने पर भी सही जवाब नहीं मिलता है क्योंकि लूटखसोट वाले इस कार्यक्रम का संचालक केवल 'अपनेÓ ही लोगों के फोन उठाता है और इस बात की 200 प्रतिशत गारंटी होती है कि जिसने भी फोन किया वह गलत जवाब ही देगा। सबसे खास बात यह है कि अन्य लोगों के फोन घंटों रिसीव ही नहीं किए जाते और उनके फोन से प्रति मिनट 10 रुपये कटते रहते हैं। लालच में पड़कर लोग अपने नंबर का इंतजार करते रहते हैंï और उन्हें उस समय घोर निराशा हो जाती है जब 200-250 रुपये की चोट खाने के बाद फोन अपने आप डिस्कनेक्ट हो जाता है। लालची व्यक्ति बार-बार यही प्रयोग करता है और सैकड़ों रुपये लुटा बैठता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई माह से टीवी चैनलों पर जारी इस अनोखे खेल में आयोजक करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। 5000 रु. के इनाम से शुरुआत कर इनामी राशि 80 हजार तक बढ़ती चली जाती है लेकिन भारतभर में पूरे 2 घंटे के इस खेल में कोई माई का लाल ऐसा नहीं है जो सही जवाब दे सके। देगा भी कैसे? जिन लोगों के मोबाइल से पैसे कटने होते हैं, उनका फोन रिसीव ही नहीं किया जाता! पूरी तरह लूटपाट वाले इस खेल पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। चैनल वाले एक पट्टïी चलाकर साफ-साफ कह देते हैं कि उनका इस खेल से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें 2 घंटों के लिए लाखों रुपये मिल जाते हैं। इस खेल में आयोजक, चैनल वाले तथा मोबाइल कंपनियां मालामाल हो रही हैं जबकि नागपुर ही क्या पूरे विदर्भ या महाराष्ट्र में ऐसा कोई बंदा नहीं है जिसने इस खेल में 10 रु. भी जीते हो। या तो सरकार इस पर पाबंदी लगाए या फिर दर्शक रात के समय चैनल देखना ही बंद कर दें।
गुरुवार, जुलाई 29, 2010
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