गुरुवार, जुलाई 15, 2010

डाक विभाग की सुस्ती से लाखों कमा रहे हैं कूरियर वाले

स्पीडपोस्ट का दावा खोखला
नागपुर।
भारतीय डाक विभाग की सुस्ती के कारण इन दिनों निजी कूरियर कंपनियां हर दिन लाखों रुपये कमा रही हैं। 24 घंटे में स्पीड पोस्ट पहुंचाने का दावा करने वाले डाक विभाग का दावा खोखला साबित हो रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि निजी कूरियर कंपनियों की अपेक्षा आज भी भारतीय डाक विभाग के देश के दूर-दराज तक मानव संसाधन और नेटवर्क मौजूद हैं, जहां- डाक पहुंच सकती है। वहीं डाक विभाग की तुलना में निजी कूरियर कंपनियां कम स्टॉफ और बेहतर डिलिवरी की रणनीति से बाजार में बाजी मार रही हैं। वहीं भारतीय डाक विभाग निजी कूरियर कंपनियों से कम चार्ज वसूलने के बाद गुणवत्तायुक्त सेवा उपलब्ध करता है, लेकिन ग्राहकों को भरोसा कूरियर कंपनियों के प्रति बढ़ता जा रहा है। आचश्र्य की बात है कि 100 ग्राम के वजन वाले पत्र को डाक विभाग 25 रुपये में देश के किसी भी कोने में पहुंचाने का दावा करता है। वहीं कूरियर कंपनियां उसी वजन के डाक के बदले 200 से 250 रुपये वसूलती हैं।
डाक विभाग की सूत्रों की मानें तो गत दिनों नागपुर डाक विभाग का हवाई सेवा ठप हो गई है। पायलट नहीं मिलने के कारण इस तकनीक को बंद कर दिया गया। जिस समय डाक विमान सेवा शुरू थी, तब डाकों की आवाजाही तेज थी। आज स्थिति यह है कि नागपुर से दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में स्पीड पोस्ट सेवा तीन दिन में पहुंच रही है, जबकि नागपुर से दिल्ली तक स्पीडपोस्ट सेवा 24 घंटे में पहुंची है। वहीं दूसरी ओर निजी कूरियर कंपनियां लोगों से स्पीड पोस्ट सेवा की तुलना में बीस गुना ज्यादा शुल्क लेकर भी 24 घंटे के अंदर कूरियर पहुंचाने का दावा कर रही है। धंतोली स्थित एक प्रतिष्ठित कूरियर कंपनी के प्रबंधक ने बताया कि भले ही कूरियर शुल्क भारतीय डाक से ज्यादा हो, लेकिन इसकी डिलिवरी के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि देश के प्रमुख शहरों में हम 24 घंटे के अंदर कूरियर पहुंचाते हैं। नहीं पहुंचने पर पैसे वापस करने की भी गारंटी देते हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय डाक विभाग की तरह हमारा लंबा-चौड़ा भले ही नेटवर्क न हो, लेकिन जितना नेटवर्क है, वह मजबूत है। स्टाफ समर्पित है। यहां से मेट्रो सिटी के लिए हमारी डाक प्लेस से जाती है। इसे हमारा आदमी लेकर जाता है। दूसरे यातायात के भरोसे कूरियर की बुकिंग नहीं की जाती है। इसलिए हमारी सेवा तेज है। इसलिए ग्राहकों का हमारी सेवा के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। वहीं कई लोगोंं की शिकायत यह भी है कि कूरियर कंपनियां एक से दो दिन में कूरियर पहुंचाने का दावा कर पैसे तो ले लेती हैं लेकिन वह समय पर पहुंचता ही नहीं है। भले ही डाक विभाग की सेवा में देरी होती है, लेकिन कम पैसे में डाक पहुंच जाती है। डाक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि डाक विभाग ग्राहकों को निर्धारित समय में डाक पहुंचाने की गारंटी नहीं देता है, लेकिन डाक पूर्व निर्धारित समय पर निकलते हैं और दूसरे शहर में पहुंचते हैं। वहां डिलिवरी में देरी होती है। इसके अलावा कूरियर कंपनियां दूर-दराज के क्षेत्रों में कूरियर पहुंचाने का दावा तो करती हैं, लेकिन कई बार देखा गया है कि उनकी सेवा शहरों तक ही सीमित है। देश के कोने-कोने में आज भी डाक विभाग की पहुंच कायम है।

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